ग्रीन-क्लीन एनर्जी की तरफ बढ़ रहा नगर निगम
भोपाल। राजधानी में ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम द्वारा सीएनजी वाहन खरीदे जा रहे हैं। सीएनजी पंपों की स्थापना की जा रही है। जल्द ही अन्य डीजल वाहनों को भी सीएनजी में बदले जाने की योजना है।
नगर निगम भोपाल ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी की तरफ बढ़ रहा है। निगम ने बढ़ते ईंधन के खर्च और डीजल चोरी रोकने के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाले 60 नए सीएनजी कचरा वाहन खरीदे हैं। इन वाहनों से निगम को हर वर्ष एक करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके अलावा नगर निगम पुराने 450 डीजल कचरा वाहनों को भी सीएनजी में बदलने जा रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो प्रत्येक कचरा वाहन को हर दिन नौ-दस लीटर डीजल दिया जाता है। वर्तमान में इन गाड़ियों का एवरेज 15 किलोमीटर/प्रतिलीटर है। यदि इनकी जगह सीएनजी वाहनों का उपयोग किया जाता है तो एक लीटर सीएनजी गैस में 25 किलोमीटर का माइलेज मिलेगा। ऐसे में प्रतिदिन एक गाड़ी से तीन से चार सौ रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही डीजल वाहन का दाम सीएनजी के अपेक्षा महंगा है। यदि एक डीजल कचरा वाहन खरीदने में निगम को आठ लाख रुपये चुकाने पड़ते, वहीं सीएनजी वाहन की खरीदी छह लाख रुपये में की गई है। ऐसे में 60 वाहनों के खरीदने में ही नगर निगम के सवा करोड़ रुपये बच गए। हालांकि प्रयोग के तौर पर बीते दो वर्ष पहले भी नगर निगम ने 25 सीएनजी कचरा वाहन खरीदे थे।
साढ़े चार करोड़ होंगे खर्च
पहले अधिकारी सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलना चाह रहे थे, लेकिन डीजल वाहन को ई-व्हीकल में बदलने पर तीन लाख रुपये का खर्च आता है। जबकि सीएनजी में बदलने पर एक लाख रुपये खर्च होते हैं। इसलिए निगम अधिकारियों ने इन वाहनों को सीएनजी में बदलने का निर्णय लिया है। इसमें चार करोड़ पचास लाख रुपये खर्च आएगा। वहीं यह पैसा भी आठ महीने में वसूल लिया जाएगा।
सीएनजी पंप भी खोलने पर विचार
ज्ञात हो कि नगर निगम सीएनजी वाहनों पर अपनी निर्भरता बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में थिंक गैस से करार कर के सीएनजी पंप भी खोले जा रहे हैं। वर्तमान में बैरागढ़ बस डिपो के पास, आरिफ नगर, वीर सावरकर ब्रिज के नीचे होशंगाबाद रोड और लिंक रोड नंबर-3 माता मंदिर के पास सीएनजी पंप की स्थापना की गई है, जबकि भानपुर खंती में खोलना प्रस्तावित है। इसके साथ ही पांच अन्य स्थानों पर सीएनजी पंप खोले जाने हैं। ये सीएनजी पंप पीपीपी यानि पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप मोड में खोले जा रहे हैं। इनका संचालन निजी कंपनी करेगी, इसके बदले नगर निगम को एक निश्चित राशि कंपनी द्वारा दी जाएगी। सीएनजी पंप में निगम के वाहनों को सात प्रतिशत कम दाम पर ईंधन मिलेगा। वहीं निजी वाहनों में सीएनजी गैस भरने पर जितनी कमाई होगी, उसका तीन फीसदी हिस्सा कंपनी नगर निगम को रायल्टी के रूप में जमा कराएगी।
ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी को बढ़ावा
भोपाल नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी कोलसानी ने कहा कि राजधानी में ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम द्वारा सीएनजी वाहन खरीदे जा रहे हैं। सीएनजी पंपों की स्थापना की जा रही है। जल्द ही अन्य डीजल वाहनों को भी सीएनजी में बदले जाने की योजना है।
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