ग्वालियर । विशेष सत्र न्यायालय ने कृषि उपज मंडी लश्कर में टैक्स चोरी करने वाले तीन दोषियों को तीन साल की सजा और एक दोषी को दो साल की सजा सुनाई है। दो दोषियों को फरार घोषित कर दिया है। टैक्स चोरी में मदद करने वाले मंडी के कर्मचारियों की जांच एवं विचारण के दौरान मौत हो गई। कृषि उपज मंडी लश्कर की तत्कालीन अध्यक्ष मीना सिंह ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की। मंडी के तत्कालीन सचिव वशिष्ठ नारायण सिंह व लिपिक सागरमल गर्ग ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर व्यापारिक फर्मों को लाभ पहुंचाया है। यह लाभ वर्ष 2000-2001 के बीच पहुंचाया है। इससे शासन को नुकसान हुआ है। ईओडब्ल्यू ने इस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए 2004 में केस दर्ज किया। पुलिस ने जांच कर 2015 में कोर्ट में चालान पेश किया। वशिष्ठ नारायण सिंह व सागरमल गर्ग की मौत हो चुकी थी। यह केस माधुरी ट्रेडिंग के मालिक।
पर्दाफाश हो गया। लिखित परीक्षा प्रदीप त्यागी ने और शारीरिक परीक्षा सोनू राठौर ने दी। सीबीआइ ने इस मामले की अतिरिक्त जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने दो दोषियों को सजा सुनाई है, जबकि साल्वर प्रदीप त्यागी को फरार घोषित कर दिया।
कमल किशोर अग्रवाल, बजरंग ट्रेडर्स के मालिक देवेंद्र सिंह भदौरिया, एमडी ट्रेडर्स की मालकिन मीना अग्रवाल, संगम ट्रेडर्स के मालिक श्रीचंद पर चला। मंडी सचिव व लिपिक ने गलत अनाज का उल्लेख कर कूटरचित दस्तावेज बनाए और 18 लाख 38 हजार 214 रुपये की टैक्स चोरी की। कोर्ट ने इस केस की ट्रायल खत्म कर फैसला सुनाया। कोर्ट ने कमल किशोर को तीन साल की सजा और 60 हजार का जुर्माना लगाया। देवेंद्र भदौरिया को तीन साल की सजा व 25 हजार का जुर्माना लगाया। श्रीचंद को तीन साल की सजा व 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मीना अग्रवाल को दो साल की सजा व छह हजार रुपये का जुर्माना लगाया। राजेंद्र सिंह भदौरिया व संजय जोशी को फरार घोषित कर वारंट जारी कर दिया है। ईओडब्ल्यू की ओर से पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार लोधी ने की।
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