पिछले बजट की घोषणा- घोषणाएं ही रह गईं, 220 योजनाओं को नहीं मिला बजट


भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष 2022 23 का बजट प्रस्तुत किया था। इसमें 57803 करोड रुपए का चाइल्ड 62 घोषित किया गया था। इसकी देशभर में खूब चर्चा हुई थी। चाइल्ड बजट में 17 विभागों की 220 योजनाओं को शामिल किया गया था। पिछले 1 साल में इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट से राशि नहीं दी गई। चाइल्ड बजट में स्कूल शिक्षा विभाग की 57 योजनाएं जनजाति कार्य विभाग की 38 योजनाएं महिला एवं बाल विकास विभाग की 27 योजनाएं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की 22 योजनाएं खेल एवं युवा कल्याण विभाग की 15 योजनाएं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की 13 योजनाएं लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग की 8 योजनाएं सहित 220 योजनाओं को चाइल्ड बजट में शामिल होने के बाद भी पिछले 1 साल में योजनाओं के लिए राशि का आवंटन नहीं किया गया। मध्यप्रदेश के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता नहीं दी गई। पोषण आहार के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। कुपोषण पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ गया है। स्व सहायता समूह को नियमित अनुदान नहीं मिल रहा है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए पर्याप्त आवंटन नहीं दिया गया है। खेल अकादमी की स्थापना होनी थी, इसकी जानकारी खेल विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है। बच्चों को राशन दुकानों से रियायती दर पर खानदान नहीं मिल रहा है। आंगनवाड़ी के कार्यकर्ताओं को 4 माह से वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। 16 को मदरसों को पिछले 4 साल से अनुदान नहीं दिया गया है, जिसके कारण मदरसे भी धीरे-धीरे करके बंद हो रहे हैं। राजधानी भोपाल जैसे शहर में रोजाना हजारों बच्चे चौराहों पर भीख मांगते हुए देखे जा रहे हैं। उनके पुनर्वास के लिए सरकार की ओर से आवंटन नहीं दिया गया। कागजों में चाइल्ड बजट पेश करके इसकी वाहवाही लूटी गई। किंतु बजट के बाद सरकार और उसके अधिकारी ही अपनी बजट की घोषणाओं को भूल गए। योजनाओं का क्रियान्वयन और आवंटन नहीं होने से केवल 2022- 23 के चाइल्ड बजट की घोषणा, घोषणा बनकर रह गई।                          

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