भोपाल । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने शीत लहर में फैलने वाली बीमारियों एवं महामारी के प्रभावी रोकथाम नियंत्रण संबंधी दिशा निर्देश सभी सिविल सर्जन अधीक्षक सिविल अस्पताल खंड चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी प्राथमिक केन्द्र, सिविल डिस्पेंसरी और संजीवनी क्लीनिक को जारी किए है।
सीएमएचओ डॉ. तिवारी ने बताया कि शीत लहर के चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य विपरित प्रभाव पड़ने के साथ-साथ यदाकदा मृत्यु होना भी संभावित है। उन्होंने कहा कि शीत लहर का नाकारात्मक प्रभाव वृद्धजनों एवं छोटे बच्चों पर अधिक होता है इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, दीर्घ कालिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों और खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायिक के लिए शीत लहर के दौरान विशेष सर्तकता बरतना आवश्यक है।
डॉ. तिवारी ने निर्देश दिए है कि शीत लहर से बचाव अथवा नियंत्रण संबंधित निर्देश आमजन तक पहुँचाया जाए। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेट फार्म जैसे वाट्सएप, फेसबुक, टवीटर और एसएमएस का प्रयोग भी किया जा सकता है। शीत लहर के बचाव के लिए अस्पतालों में व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा की जाए। जिला एवं विकासखंड स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। शीत घात के कारण जनमानस में उत्पन्न लक्षणों की करीब पहचान एवं फर्स्ट - एंड की उचित की व्यवस्था सभी अस्पतालों की जाए। उन्होंने कहा कि अल्प ताप से ग्रस्त व्यक्ति को तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं एवं उष्ण स्थान पर रखे, शारीरिक तापमान को बनाए रखने के लिए कंबल, कपड़े, टविल, सीट आदि की कई परतों से शरीर को ढके, गर्म पेय पदार्थ देकर शारीरिक तापमान को बढ़ाएं, लक्षण के बढ़ने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह ले। उन्होंने कहा कि विटामिन सी युक्त फल एवं सब्जियों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शारीरिक तापमान संतुलित रहे।
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