मसेवा बिना किसी शुल्क के ऐप्स की लिस्टिंग और वितरण की पेशकश कर रहा है
- एमसेवा ऐप स्टोर पर न्यूज, सोशल मीडिया, पेमेंट्स, आदि समेत 1000 से ज्यादा ऐप-बेस्ड सर्विसेज उपलब्ध हैं
- विंज़ो एमसेवा पर उपलब्ध होने वाला पहला गेमिंग ऐप्लीकेशन है
- यह गूगल द्वारा ऑनलाइन गेमिंग के “आर्बिट्रेरी क्लासिफिकेशन’’ पर कार्यान्वयन के बाद हुआ है, जोकि प्ले स्टोर पर एक साल के लिये केवल फैंटेसी गेमिंग और रम्मी ऐप्स को अनुमति देता है।
नई दिल्ली । भारत के सबसे बड़े इंटरैक्टिव एंटरटेनमेन्ट प्लेटफॉर्म, विंज़ो को सरकार के स्वामित्व वाले और सरकार द्वारा ही विकसित मोबाइल ऐप स्टोर एमसेवा पर लाने के लिये चुना गया है। विंज़ो पहला गेमिंग एवं इंटरैक्टिव एंटरटेनमेन्ट प्लेटफॉर्म होगा, जो इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाय) द्वारा देश में ही निर्मित और लॉन्च किये गये एमसेवा पर उपलब्ध होगा। एमसेवा के साथ यह भागीदारी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को आगे बढ़ाएगी, क्योंकि विंज़ो भारत के टियर 2 से लेकर टियर 5 इलाकों में 100 मिलियन से ज्यादा यूजर्स के साथ 12 मातृभाषाओं में उपलब्ध है। 20% यूजर्स अपना पहला डिजिटल पेमेंट विंज़ो पर करते हैं।
इस भागीदारी के बारे में विंज़ो की को-फाउंडर सौम्या सिंह राठौड़ ने कहा, “हम एमसेवा के साथ भागीदारी करके उत्साहित हैं, जोकि भारतीयों के लिये भारतीयों के द्वारा एमईआईटीवाय के तहत एक ऐप स्टोर है। यह भागीदारी भारत के हर परिवार की सेवा के लिये एक विश्वस्तरीय गेम टेक प्रोडक्ट बनाने के विंज़ो के मिशन के मुताबिक है। एमसेवा हमारी पहुँच को कई गुना बढ़ाने और भारत को गेमिंग का वह अनुभव देने में हमारी मदद करेगा, जो भारत को मिलना चाहिये।”
इस कदम का लक्ष्य ऐप्लीकेशंस के चुनाव और वितरण तथा भारी कमीशन चार्जेस पर गूगल के एकाधिकार को तोड़ना है। आज भारत के मोबाइल बाजार पर 95% बाजार हिस्सेदारी के साथ एंड्रॉइड का दबदबा है और इस कारण डेवलपर्स के पास अपने ऐप्स को पब्लिश और डिस्ट्रिब्यूट करने के लिये विकल्प के तौर पर केवल गूगल प्ले स्टोर ही है। इससे इन-ऐप खरीदी के लिये कमीशन 30% तक कम होता है। इस तरह डेवलपर्स का मुनाफा नकारात्मक ढंग से प्रभावित होता है और व्यावहारिक रेवेन्यू मॉडलों की कमी के कारण इसका देश में आईपी/ कंटेन्ट क्रियेशन पर लंबे समय तक असर रह सकता है।
दूसरी ओर, एमसेवा केवल सरकारी और दूसरी लोक सेवाओं की आपूर्ति के लिये कोई वितरण शुल्क नहीं लेता है और यह नियम स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वित्तीय, ऑनलाइन भुगतान, सामाजिक कल्याण, खाद्य, परिवहन, ऊर्जा, आदि में निजी इकाइयों पर भी लागू है। एमसेवा ने कम खर्चीले और तुरंत बनाये जा सकने वाले ऐप्स बनाने में व्यवसायों की सहायता करने के लिये डिजिटल बुनियादी ढांचा निर्मित किया है। ऐसे ऐप्स, जिन्हें मापनीय टेक्नोलॉजी से बनाया जा सकता है। एमसेवा ऐप स्टोर पर न्यूज, सोशल मीडिया, पेमेंट्स, आदि समेत 1000 से ज्यादा ऐप्स-बेस्ड सर्विसेस उपलब्ध हैं। इनमें मायगवर्नमेंट, पेटीएम, आदि शामिल हैं। विंज़ो अपने संभावित यूजर्स के बीच ऐप को डाउनलोड करने के तरीके के तौर पर एमसेवा को बढ़ावा देने वाले ऐप स्टोर्स और प्लांस को अपनाने वाले पहले निजी प्लेटफॉर्म्स में से एक भी है।
विंज़ो देशभर के थर्ड पार्टी गेम डेवलपर्स के 100 से ज्यादा गेम्स को होस्ट करता है। उसके पास एक अनोखा माइक्रो-ट्रांजैक्शन बेस्ड बिजनेस मॉडल है, जिसके द्वारा गेम डेवलपर्स और स्टूडियोज विंज़ो के 100 मिलियन यूजर्स बेस के जरिये 100 गुना मुनाफा कमा सकते हैं और जिस पर हर महीने 3.5 बिलियन से ज्यादा माइक्रोट्रांजैक्शंस होते हैं। सोशल गेमिंग की पहल करने वाले विंज़ो ने विभिन्न वर्गों के लिये रोजगार के अवसर भी निर्मित किये हैं, जिनमें 500 से ज्यादा ट्रांसलेटर्स (मुख्य रूप से घर में रहने वाली गृहिणियाँ), कॉलेज के विद्यार्थी, रिटार्ड सरकारी कर्मचारी और 75,000 क्षेत्रीय माइक्रो-इंफ्लूएंसर्स शामिल हैं, जो देश के हर कोने में ऐप का वितरण करते हैं।
एमसेवा एप से विंज़ो को कैसे डाउनलोड करें:
https://apps.mgov.gov.in/ पर जाएं
सर्च बार में विंज़ो सर्च करें
डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
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