चीन और भारत की मौजूदा आबादी क़रीब एक अरब 40 करोड़ से ज़्यादा है और क़रीब 70 वर्षों तक दुनिया की एक तिहाई आबादी इन्हीं दोनों देशों में रही है।
चीन की आबादी अगले साल से घटने लगेगी. पिछले साल वहां एक करोड़ छह लाख लोगों ने जन्म लिया जो कि उस साल मरने वालों की संख्या से थोड़ा ज़्यादा था. उसका मुख्य कारण फ़र्टिलिटी रेट में भारी गिरावट थी।
हाल के दशकों में भारत में भी फ़र्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) में काफ़ी गिरावट देखी गई है। साल 1950 में भारत में प्रजनन दर जहां 5.7 थी, वहीं आज भारत की एक महिला औसतन दो बच्चों को जन्म देती है लेकिन प्रजनन दर के घटने की दर धीमी है।
Post a Comment