इस कार्य्रक्रम मे बडी संख्या मे रेल्वे परिवार के लोगों के साथ अन्य बाबा साहब के अनुयायी उपस्थित रहे। सभी अथितियो के दवारा बाबा साहब के जीवन सघर्ष को याद किया और उनके बताये मार्ग पर चलने का सन्कलप लिया गया। डॉ मामता मीना जी दवारा महिलाओं मे फेले अन्ध विस्वास और पाखण्ड के बारे मे सभी को सभी को जागरुक किया। उनहोने खासकर महिलाओं को बताया कि बाबा जोगियों के चक्कर मे ना आये। किसी के अन्दर कोई शक्ति नही है सभी को बाबा साहब की सोच को अपनाना चाहिए ।
डॉ आर बी मीना जी ने भी बाबा साहब के जीवन पर अपने विचार रखे। ADEN गुना श्री आर के शेखर साहब ने भी बाबा साहब के विचारों को जीवन मे आत्म्स्सात करने के लिये प्रेरित किया। डी पी गोलिया द्वारा बाबा साहब के त्याग और बलिदान को सभी को विस्तार से बताया। बादल सिह द्वारा बाबा साहब के द्वारा हिन्दु कोड विल को समझाया गया जिसमे महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिये उन्होने कानून मन्त्री के पद से त्याग पत्र दे दिया था। साथ ही पिछडे शोशित वन्चित समाज के लिये सविधान मे जो अधिकार दिये गये उनको बताया।
कार्य्रक्रम के अन्त मे श्रीमती बिन्दु सिह दवारा सभी अतिथियों को बाबा साहब की सबसे महान ग्रन्थ भारत के सविधान की एक एक प्रति सम्मान के तौर पर सभी अथितिओ को दी गयी।
आभार घन्श्याम मीना शाखा सचिव गुना मक्सी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बौद्ध वन्दना गायिका ज्योति जडेजा द्वारा सम्पन्न की गयी। प्रेमिला मेश्राम और प्रेमलता सुमोलिया दवारा के द्वारा शशि अहिरवार जे के द्वारा भी बाबा साहब और समाज के लिये किये उनके योगदान को सभी को बताया गया।
अशोक अहिरवार शाखा अध्यक्ष गुना मक्सी द्वारा भी बाबा साहब के विचरों को सभी को अपने जीवन मे उतारने के लिये और समाज को एकजुट रहने के लिये सम्बोधित किया।
रेल परिवार के लोगों ने बडी ताताद मे अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी।
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