फिट इंडिया एप को 1 साल में 5 मिलियन से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। ये आंकड़े बताते हैं कि किस तरह से हाल के वर्षों में लोगों के बीच स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है। बड़ी बात कि हाल के वर्षों में विश्वभर में किसी भी उम्र वर्ग में हार्ट अटैक, डायबिटीज जैसी बीमारियां देखने-सुनने को मिल रही हैं, इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भी जनता के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए और उन्हें सुविधाएं देने के लिए फिट इंडिया जैसे एप और आयुष्मान भारत जैसी मेडिकल सुविधाओं को लॉन्च किया।चलिए आज बात करते हैं फिट इंडिया को लेकर, जिसने कोरोना महामारी के बाद से किस तरह से लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने का काम किया है।
फिट इंडिया मूवमेंट
आज लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां लाइफस्टाइल में हुए बदलाव के कारण बढ़ रही हैं। इस मूवमेंट का उद्देश्य देशवासियों को फिटनेस पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करना है। इस अभियान का मकसद लोगों को खेल और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। इस अभियान में खेल मंत्रालय के साथ मानव संशाधन विकास मंत्रालय (MHRD) और पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj and Rural Development) ने साथ मिलकर देशवासियों में फिटनेस के प्रति जागरुकता फैलाने का काम किया है।
क्या है फिट इंडिया एप
'फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज' इस मंत्र के साथ फिट इंडिया मोबाइल एप को लॉन्च किया गया था। फिट इंडिया ऐप निःशुल्क है और यह एंड्रॉएड-आईओएस दोनों ही प्लेटफॉर्म पर अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध है। इस ऐप में फिटनेस स्कोर, एनिमेटेड वीडियो, गतिविधि ट्रैकर्स और व्यक्तिगत विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने वाली ‘मेरी योजना’ जैसी कुछ अनूठी विशेषताएं हैं। एप में किसी आयु वर्ग के लिए फिटनेस प्रोटोकॉल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अप्रूव किया गया है। उपयोगकर्ता एप में अपने फिटनेस स्तर का परीक्षण कर अपना फिटनेस स्कोर जान सकतें है। फिटनेस स्कोर ये बताता है की उपयोगकर्ता कितने फिट हैं और फिर आगे उनके स्वास्थ्य और फिटनेस स्तर को बेहतर बनाने के लिए गतिविधियों का सुझाव दिए जातें हैं।
5 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड
फिट इंडिया मूवमेंट को लेकर लोग कितने सकारात्मक हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फिट इंडिया एप को 1 साल में 5 मिलियन से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। देश में बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है जो अपनी दिनचर्या में इतना मशगूल हैं कि अपनी फिटनेस पर ध्यान ही नहीं दे पाते। पिछले एक साल में, इस मोबाइल ऐप का बच्चों के साथ साथ बड़ों ने भी शारीरिक फिटनेस का आंकलन करने, फिटनेस स्तर पर नज़र रखने के लिए उपयोग किया है।
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