नई दिल्ली । भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के चुनाव कराने के लिए नामांकन की प्रक्रिया 25 नवंबर (शुक्रवार) से शुरू हो गई। इन चुनाव में आईओए के अध्यक्ष समेत कार्यकारी परिषद के सदस्यों को चुना जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग के पूर्व महासचिव, उमेश सिन्हा को आईओए चुनाव का निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। आईओए चुनाव के लिए उम्मीदवार 25 से 27 नवंबर तक व्यक्तिगत रूप से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं, जबकि वे 1 से 3 दिसंबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। वहीं 10 दिसंबर को IOA के चुनाव होंगे, और उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
इन पदों के लिए होगा मतदान
आईओए के चुनाव एक अध्यक्ष, एक सीनियर उपाध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक पुरुष और एक महिला), एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव (एक पुरुष और एक महिला), छह अन्य कार्यकारी परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए होंगे। कार्यकारी सदस्य में से दो (एक पुरुष और एक महिला) निर्वाचित एसओएम से होंगे।
कार्यकारी परिषद के दो सदस्य (एक पुरुष और एक महिला) एथलीट आयोग के प्रतिनिधि होंगे, और आठ प्रतिनिधि – चार पुरुष और चार महिलाएं, जो उत्कृष्ट योग्यता (एसओएम) के खिलाड़ी हैं। प्रत्येक सदस्य का एक मत होगा। लेकिन नये संविधान के तहत राज्य ओलंपिक निकायों से उनके मतदान अधिकार वापस ले लिये गये है।
भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association)
योगेश्वर और सोमया को नये एथलीट आयोग ने शनिवार को उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ी (एसओएम) के आठ खिलाड़ियों के हिस्से के रूप में चुना, जबकि साक्षी को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) द्वारा नामित किया गया था। सिंधु और नारंग को एथलीट आयोग ने नामित किया था।
मतदान अधिकारी उमेश सिन्हा ने बीते सोमवार को 77 सदस्यीय निर्वाचक मंडल की सूची जारी की जिसमें 33 राष्ट्रीय खेल संघों के 66 सदस्य शामिल हैं। इन सभी ने एक पुरुष और एक महिला को नामित किया है। इसके अलावा एसओएम के आठ (चार पुरुष और चार महिला), एथलीट आयोग से दो (एक पुरुष और एक महिला) को नामित किया गया।
निर्वाचक मंडल में लगभग 25 प्रतिशत सदस्य वर्तमान या पूर्व खिलाड़ी
एसओएम के अन्य छह सदस्यों में पीटी उषा (एथलेटिक्स), सुमा शिरूर (निशानेबाजी), रोहित राजपाल (टेनिस), अपर्णा पोपट (बैडमिंटन), अखिल कुमार (मुक्केबाजी) और डोला बनर्जी (तीरंदाजी) हैं। नये संविधान के तहत, निर्वाचक मंडल एनएसएफ के केवल उन सदस्यों से बना है जिनके खेल ओलंपिक या एशियाई खेलों या राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम में शामिल हैं। इससे खो-खो, बिलियर्ड्स और स्नूकर जैसे राष्ट्रीय महासंघों को बाहर रखा गया है।
एक साल की देरी से हो रहे IOA चुनाव
आपको बता दें IOA के चुनाव पिछले साल दिसंबर में होने वाले थे, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में एक लंबित मामले के कारण नहीं हो सके। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें इसे राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुकूल बनाने के लिए चुनाव कराने से पहले इसके संविधान में संशोधन की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि आईओए की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए एक नया संविधान अपनाने और मतदान के पहले के आदेशों का ईमानदारी से पालन किया जाएगा। भारतीय ओलंपिक निकाय की बैठक (एजीएम) और इसमें कोई भी संशोधन केवल अदालत की स्पष्ट अनुमति से ही किया जाएगा।
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