नई दिल्ली । भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार का समझौता हो चुका है। 21 नवंबर, 2022 को ऑस्ट्रेलिया की संसद ने इस समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है। दोनों ही देशों के लिहाज से इस समझौते को काफी अहम समझा जा रहा है। दरअसल, इस समझौते से सर्विस सेक्टर को नई ऊंचाई मिलने वाली है। केवल इतना ही नहीं इस समझौते से नौकरियों के भी अनेक अवसर पैदा होंगे। विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं इससे विश्व में भारत की स्थिति में और अधिक सुधार होगा। इसलिए इस समझौते के कई मायने समझे जा रहे हैं जिन्हें हम विस्तार से आगे समझेंगे, लेकिन पहले समझ लेते हैं कि आखिर ‘मुक्त व्यापार समझौता’ यानि ‘FTA’ (Free Trade Agreement) किसे कहते हैं..?
क्या है मुक्त व्यापार समझौता ?
आसान शब्दों में कहें तो जब हमारे देश से कोई भी सामान दूसरे देश में भेजा जाता है या निर्यात किया जाता है तो वहां की सरकार उन सामानों या उन सर्विसेज पर कुछ टैक्स लगाती है जिन्हें ‘इम्पोर्ट ड्यूटी’ के तौर पर वसूला जाता है। इसे टेक्निकल भाषा में ‘टैरिफ’ कहा जाता है, लेकिन मुक्त व्यापार समझौते में व्यापार करने वाले देशों के बीच एक ऐसी लिस्ट तैयार की जाती है जिसमें कि उन सामानों पर या कुछ वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाती है और अगर कोई ऐसा समझौता हो जिसमें कि शुल्क बिलकुल भी न लिया जाए तो उसे ‘मुक्त व्यापार समझौता’ कहा जाता है। हाल ही में ऐसा मुक्त व्यापार समझौता भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ है।
1 दशक में पहली बार किसी विकसित देश से मुक्त व्यापार समझौता
उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक में ऐसा पहली बार है जब भारत ने किसी विकसित देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) किया है। इससे पहले जापान के साथ यह समझौता हुआ था जो विकसित राष्ट्र है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में यह पहली बार है कि उसने किसी देश के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लाइन खोलने का फैसला लिया है। ऐसे में इस फैसले से भारत को बड़ा लाभ मिलने वाला है। आइए विस्तार से जानते हैं कैसे…?
वैश्विक कारोबार को लेकर बदला भारत का नजरिया
बदलते दौर के साथ वैश्विक कारोबार को लेकर भारत का नजरिया अब बदल चुका है। भारत अब द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों पर ज्यादा जोर दे रहा है। यूएई (UAE) के साथ ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते को अमलीजामा पहनाने का वक्त आ गया है।
समझौते को लेकर क्या बोले ऑस्ट्रेलियाई पीएम ?
गौरतलब हो, भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए इस ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बीते दिनों ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट करके यह जानकारी दी थी कि ऑस्ट्रेलियाई संसद ने इसे मंजूरी दे दी है। बीते मंगलवार को उन्होंने ट्वीट में लिखा ”भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है।”
भारत में भी इस समझौते को कैबिनेट की मिल चुकी है मंजूरी
वहीं भारत में भी इस समझौते को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और इसे राष्ट्रपति की अनुशंसा के लिए भेजा गया है। भारत ने इस समझौते को ऐतिहासिक करार दिया है। पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के ट्वीट के जवाब में ट्वीट करते हुए कहा, आपका बहुत धन्यवाद। ये जो समझौता लागू होगा उसका दोनों ही देशों की बिजनेस कम्यूनिटी द्वारा स्वागत किया जा रहा है और यह भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।
Thank you PM @AlboMP! The entry into force of IndAus ECTA will be greatly welcomed by our business communities, and will further strengthen the India-Australia Comprehensive Strategic Partnership. https://t.co/7gdaFNKTOw
— Narendra Modi (@narendramodi) November 22, 2022
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते के संबंध में मीडिया को बताया कि आईटी क्षेत्र भारत-ऑस्ट्रेलिया FTA का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा क्योंकि इस तरह के व्यापार समझौते में सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आगे जोड़ते हुए उन्होंने यह भी कहा कि “आज सेवाएं अर्थव्यवस्थाओं का एक प्रमुख हिस्सा हैं। बातचीत के दौरान हमारा ध्यान माल और सेवा दोनों पर है। उन्होंने आगे कहा “मुझे यकीन है कि हमारा आईटी उद्योग फॉर्म में इस बड़ी उपलब्धि से बेहद खुश होगा। केवल इतना ही नहीं पहली बार, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता भारतीय शेफ और योग प्रशिक्षकों को भी वीजा प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एफटीए के तहत हर बच्चे के प्रति प्रतिबद्धता है जो भारत से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए जाता है, उसे वहां काम करने का अवसर मिलेगा, जो उसके शिक्षा के स्तर पर निर्भर करता है। एफटीए भारत में दवा उद्योग को भी बड़ा बढ़ावा देगा।
अब दोनों देशों के बीच नई शर्तों पर शुरू होगा कारोबार
बताना चाहेंगे कि दोनों ही देशों के बीच साझा नोटिफिकेशन जारी होने के एक महीने के बाद दोनों ही देशों के बीच नई शर्तों पर कारोबार शुरू जाएगा। दरअसल, पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज के बीच बाली में G20 की बैठक के दौरान इस पर वार्ता हुई जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
ऑस्ट्रेलिया के बाजार में भारत को मिलेगी 100 फीसदी पहुंच
ज्ञात हो, 2 अप्रैल 2022 को दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के बाजार में 100 फीसदी पहुंच मिलने से कारोबार में फायदा होगा।
इन सेक्टर को मिलेगा बूस्ट-अप
इस समझौते से जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, फर्नीचर, कृषि उत्पादों के निर्यात में फायदा होगा। इसके साथ-साथ इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी मदद मिलेगी।
सस्ते दाम पर मिलेगा रॉ मटेरियल
भारत-ऑस्ट्रेलिया को कोयला, मिनरल अयस्क और वाइन आदि के एक्सपोर्ट में तरजीह देगा जो भारत को सस्ते दाम पर मिलेंगे जिससे भारतीय उद्योगों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। बताना चाहेंगे दोनों देशों के बीच साल 2022 में 31 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ, जो आगामी पांच साल में 45-50 अरब डॉलर तक जा सकता है।
10 लाख रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद
इस समझौते से अगले कुछ साल में भारत में 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। महज इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए 4 साल तक का वीजा दिए जाने का भी प्रावधान है। इस कदम से 1 लाख छात्रों को मदद मिलेगी। साथ ही हर साल योगा और शेफ के काम के लिए 1,800 वीजा को जारी करने की भी मंजूरी दे दी गई है।
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