
भारत के स्टार स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल ने इतिहास रच दिया है. भारत के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक घोषाल ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पुरुषों के सिंगल्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है. इस तरह वह CWG के इतिहास में सिंगल्स का मेडल जीतने वाले भारत के पहले स्क्वॉश खिलाड़ी बन गए हैं. घोषाल ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में डिफेंडिंग चैंपियन मेजबान इंग्लैंड के जेम्स विलस्ट्रॉप को 3-0 से हरा दिया. इसके साथ ही मौजूदा गेम्स में भारत के मेडल की संख्या बढ़कर 15 हो गई है.
पहली बार सिंगल्स का मेडल
1998 में कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार स्क्वॉश के खेल को शामिल किया गया था, लेकिन भारत को अभी तक इसमें सिर्फ 4 मेडल ही मिले हैं. इसमें से पिछले तीन मेडल डबल्स में ही आए थे. इस तरह पहली बार सिंगल्स में भारत के झोली में ये मेडल आया है, जिसने 35 साल के सौरव घोषाल की इस जीत को खास बनाया. भारत के नंबर एक पुरुष स्क्वॉश खिलाड़ी घोषाल इससे पहले भी कई बार करीब आकर चूक गए थे.
BRONZE FOR SAURAV!
Our talented Squash player @SauravGhosal
clinches Bronze after getting past James Willstrop of England 3-0 (11-6, 11-1, 11-4) in the Bronze medal match
Way to go Saurav
Congratulations!
’s 1st medal in Squash this #CWG2022
#Cheer4India pic.twitter.com/At5VcvRfH0
— SAI Media (@Media_SAI) August 3, 2022
घोषाल के सामने नहीं टिके विलस्ट्रॉप
मंगलवार को हुए सेमीफाइनल में घोषाल को न्यूजीलैंड के खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा था, जिससे उनके गोल्ड मेडल पर दावा ठोकने का मौका चूक गया था, लेकिन अनुभवी भारतीय खिलाड़ी ने इस निराशा को खुद पर हावी नहीं होने दिया. बुधवार 3 अगस्त को उनके पास इतिहास रचने का एक और मौका था और उन्होंने इस बार कोई चूक नहीं की. घोषाल ने इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी और 2018 गोल्ड कोस्ट गेम्स के सिंगल्स चैंपियन विलस्ट्रॉप को अपने सामने बिल्कुल भी नहीं टिकने दिया और बड़ी आसानी से 11-6, 11-1, 11-4 के स्कोर के साथ ऐतिहासिक ब्रॉन्ज अपने नाम कर लिया.
जीत के बाद जाहिर किए जज्बात
कई बार मेडल के करीब आने के बावजूद सफल नहीं होने की निराशा को आखिरकार सफलता में बदलने की खुशी घोषाल के चेहरे पर साफ दिखी. जैसे ही उन्होंने आखिरी पॉइंट हासिल किया, वह अपनी भावनाओं को जाहिर करने से खुद को रोक नहीं सके और एक कोने में बैठकर रोने लगे. इसके बाद उन्होंने पहले अपने पिता को गले लगाया और फिर दर्शकों के बीच जाकर अपनी पत्नी को गले लगाया.
भारत का चौथा मेडल
भारत का स्क्वॉश के इतिहास में ये सिर्फ चौथा कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल है, जबकि सौरव का दूसरा मेडल है. भारत ने ये चारों मेडल 2014 से 2022 के बीच लगातार तीन गेम्स में जीते हैं. 2014 के ग्लास्गो गेम्स में पहली बार दीपिका पल्लीकल और जोश्ना चिनप्पा ने महिला डबल्स का गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था. फिर इसी जोड़ी ने 2018 के गोल्ड कोस्ट गेम्स में सिल्वर अपने नाम किया था. इन्हीं गेम्स में घोषाल और दीपिका ने मिक्स्ड डबल्स का सिल्वर जीता था. ये तीनों ही खिलाड़ी इस बार भी डबल्स में मेडल जीतने के इरादे से उतरेंगे.