
- गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जंग जारी है. आज प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बीच देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव चले गए.
- राजपक्षे ने मालदीव से ही प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है. संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने ने घोषणा की कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने विदेश प्रवास के दौरान कामकाज संभालने के लिए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति की है. उन्होंने बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 37(1) के तहत किया गया है.
- कोलंबो में ‘फ्लावर स्ट्रीट’ पर विक्रमसिंघे, जोकि अब कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं, के कार्यालय के समीप प्रदर्शनकारियों के एकत्रित होने के बाद विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की. साथ ही पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है.
- उन्होंने सैन्य कमांडरों और पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए जो कुछ जरूरी है, किया जाए. विक्रमसिंघे ने कहा कि सशस्त्र बलों के प्रमुखों की एक समिति को यह काम करने की जिम्मेदारी दी गई है जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं होगा.
- प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव चले जाने की खबरें आने के बाद ‘फ्लावर स्ट्रीट’ पर विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर कूच करते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे लेकिन इसके बावजूद वे अवरोधकों को हटाकर प्रधानमंत्री के कार्यालय में घुस गए.
- देश के सरकारी टेलीविजन चैनल ‘रूपवाहिनी’ ने बुधवार को प्रसारण निलंबित कर दिया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने इसकी इमारत पर धावा बोल दिया. हालांकि, बाद में चैनल ने प्रसारण बहाल किया. रूपवाहिनी द्वारा प्रसारण निलंबित किए जाने के कुछ देर बाद श्रीलंका के एक और सरकारी टीवी चैनल ने प्रसारण रोक दिया.
- इससे पहले दिन में, श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि 73 वर्षीय राजपक्षे, अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान में देश छोड़कर चले गए हैं.
- बयान में कहा गया है, ‘सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया.’
- सूत्रों ने मालदीव के अधिकारियों के हवाले से बताया कि गत रात वेलाना हवाई अड्डे पर मालदीव सरकार के प्रतिनिधियों ने राजपक्षे की अगवानी की. उन्हें पुलिस की सुरक्षा में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया. हालांकि, मालदीव की सरकार ने राजपक्षे के देश पहुंचने के संबंध में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
- मालदीव की राजधानी माले में सूत्रों ने बताया कि राजपक्षे की देश छोड़कर मालदीव जाने में मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की है. सूत्रों ने बताया कि मालदीव सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है या किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं सौंपी हैं इसलिए अगर वह मालदीव आना चाहते हैं तो इससे मना नहीं किया जा सकता है.