
हरियाणा की अंजलि यादव ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 परसेंट मार्क्स के साथ टॉप किया है. अंजलि इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फोन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनसे बात की. अंजलि के साथ बातचीत का वीडियो भी सीएम खट्टर ने अपने ट्वीटर पर साझा किया. ट्वीट करते हुए खट्टर ने लिखा, “आज फिर एक बेटी ने समस्त हरियाणा को गौरवान्वित किया है. हरियाणा की लाडली अंजलि यादव को फोन पर बात कर सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक हासिल करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर मैं बेटी के परिवार को दो साल के लिए 20 हजार प्रति महीने की वित्तीय सहायता और 12वीं के बाद देश के अच्छे संस्थान से एमबीबीएस कराने में मदद करने की घोषणा करता हूं.”
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वीडियो कॉल पर अंजलि के परिवार के सदस्यों से भी बात की और उन्हें उनकी बेटी के राज्य और उनके गांव का नाम रौशन करने के लिए बधाई दी. बता दें, महेंद्रगढ़ के खेत गांव सिलारपुर निवासी अंजलि ने सीबीएसई 10वीं परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. वीडियो कॉल के दौरान अंजलि ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती है. साथ ही अंजलि ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इस पर सीएम ने कहा कि वह उसे डॉक्टर बनाने में पूरी मदद करेंगे.
आज फिर एक बेटी ने समस्त हरियाणा को गौरवान्वित किया है।
हरियाणा की लाडली अंजलि यादव को फ़ोन पर बात कर #CBSE बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक हासिल करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।#BetiBachaoBetiPadhao pic.twitter.com/m2icrL80Yx
— Manohar Lal (@mlkhattar) July 24, 2022
पांच लाख छात्रों को बांटे गए टैबलेट
इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बयान में कहा कि उनकी सरकार ने 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के पांच लाख छात्रों को टैबलेट वितरित किए हैं. हरियाणा सरकारी स्कूलों के पांच लाख छात्रों को टैबलेट वितरित करने वाला देश का पहला राज्य है. राज्य सरकार शिक्षा में और सुधार के लिए प्रयास कर रही है.
2025 तक हरियाणा में लागू होगी नई शिक्षा नीति
इस बजट में शिक्षा के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का है. हम अपने छात्रों को किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जहां 2030 तक देश में नई शिक्षा नीति लागू करने का लक्ष्य रखा है, वहीं हरियाणा ने इसे 2025 तक लागू करने का फैसला किया है.