शोधार्थी को समग्रता में सोचना चाहिएः श्री अशोक वार्षणेय*
*विजेताओं को मिले पुरस्कार व ट्राफी*
इस अवसर पर श्री अशोक वार्ष्णेय जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शोधार्थियों का दृष्टिकोण कैसा है यह महत्वपूर्ण है। शोधार्थी को समग्रता में सोचना चाहिए। उन्हें टीम वर्क का भी अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने प्रेरक उदाहरण देते हुए बताया कि हमारे शोध का योगदान राष्ट्र निर्माण में हो। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना पर आधारित शोध शिखर का यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक कदम है।
श्री अमोघ गुप्ता और डॉ. अखिलेश पांडेय ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस शोध शिखर में अपने उद्बोधनों में भारत की स्वतंत्रता में सभी व्यक्तियों के योगदान विशेषकर जिनमें वैज्ञानिक भी शामिल थे की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भर तभी बनेगा जब सभी अपना योगदान देंगे।
श्री संतोष चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय भाषाओं में ज्ञान के सृजन की अपार संभावना है। ज्ञान विज्ञान का सृजन भारतीय भाषाओं में ही होना चाहिए। भारत की विज्ञान परंपरा उज्जवल है। शोध शिखर का बड़ा लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत में योगदान देना है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलपति, आरएनटीयू ने दिया। आरएनटीयू के डॉ. अनिल कुचरानिया, डीन, कृषि विभाग ने शोध शिखर 2022 की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. वीके वर्मा, संयोजक शोध शिखर ने आभार प्रदर्षित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
*शोध शिखर के अंतर्गत आयोजित शोध आधारित प्रोजेक्ट प्रतियोगिता नवनिर्माणी के विजेता-*
*प्लेटिनम विजेता-* पूजा कुमारी, डॉ. अभिषेक गुप्ता, प्रभात जाटव विनोबा भावे विश्वविद्यालय झारखंड विषय ‘प्रोसेसिंग ऑफ डेकाफिनेटेड टी एण्ड इट्स थेराप्यूटिक वैल्यू इन अवर डेली लाइफ इन डिफरेंट कांटेक्स्ट’ को पचास हजार रुपए व ट्राफी प्रदान की गई।
*गोल्ड विजेता-* केशव दत्त शर्मा, डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय बिलासपुर, छत्तीसगढ़ को ‘हर्बल साबुन’ और रकिया नाज खान, डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय वैशाली, बिहार को ‘आर्नामेंटल फिश फार्मिंग’ को पच्चीस हजार रुपए और ट्राफी प्रदान की गई।
इसके अलावा तीन सिल्वर पुरस्कार जिसमें दस हजार रुपए व मेडल दिए गए। साथ ही पांच सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
*शोध शिखर के अंतर्गत आयोजित शोध आधारित पेपर प्रतियोगिता अनुशोधन के विजेता-*
*प्लेटिनम विजेता-* रीना वर्मा, गार्गी सक्सेना, आईआईएस विश्वविद्यालय जयपुर विषय’ फार्मुलेशन ऑफ नॉन डेयरी सिंबायोटिक ड्रिंक फ्रॉम चिकपी सप्लीमेंटेड विथ चिकोरी रुट पावडर एण्ड एसेस्मेंट ऑफ इट्स मार्केट पोटेंशियल’ को पच्चीस हजार रुपए व ट्राफी प्रदान की गई।
*गोल्ड विजेता-* साक्षी द्विवेदी, शेखर, केआईओटी कानपुर और विरेष रुषिकुमार, गणपत विश्वविद्यालय गुजरात को पंद्रह हजार रुपए और ट्राफी प्रदान की गई।
इसके अलावा तीन सिल्वर पुरस्कार जिसमें पांच हजार रुपए व मेडल दिए गए। साथ ही पांच सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
क्षेत्रीय भाषा का बेस्ट रिसर्च पेपर का पुरस्कार डॉ. पवन कुशवाहा, आरएनटीयू को प्राप्त हुआ।