
पंजाब (Punjab) की चुनावी राजनीति में गैर-जाट सिखों (Non Jat Sikhs) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह टिक्का ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में समुदाय के पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए आग्रह किया. सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में टिक्का ने कहा कि मैं पंजाब के आगामी राजनीतिक परिदृश्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं.
साथ ही कहा कि पंजाब में शहरी जनसांख्यिकी से संबंधित 35 सीटें हैं और इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में शहरी गैर-जाट सिखों का वोट बैंक निर्णायक है. गैर जाट सिखों का प्रतिनिधित्व 15 प्रतिशत है और बहुसंख्यक गुट खत्री/अरोड़ा का 16 प्रतिशत है. गैर जाट सिख आगामी 2022 के चुनावों में निर्णायक और खेल बदलने वाली भूमिका निभाएंगे और उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए.
गैर-जट सिख समुदाय से नहीं है कोई मौजूदा सरकार में मंत्री
उन्होंने कहा कि सरदार चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने का निर्णय पूरी तरह से एससी/एसटी समुदाय के प्रतिनिधित्व पर आधारित है, क्योंकि पंजाब में एससी/एसटी समुदाय का प्रतिशत पूरे देश में सबसे अधिक है. गैर-जाट सिख समुदाय के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए टिक्का ने कहा कि गैर-जट सिख समुदाय से संबंधित केवल एक कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था और जिसके परिणामस्वरूप समुदाय में व्यापक आक्रोश है.
पंजाब में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
लुधियाना का उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि लुधियाना में विधानसभा में चार प्रतिनिधि हैं और गैर-जाट सिख समुदाय का इनमें से तीन सीटों लुधियाना सेंट्रल, लुधियाना पश्चिम और आत्म नगर पर दबदबा है. पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
पंजाब में चुनावी सियासत चरम पर
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अंदर अंदरूनी कलह खत्म नहीं हुई है. दो विधानसभा क्षेत्रों सुल्तानपुर लोधी और कादियां में गुटबाजी पहले ही सामने आ चुकी है. नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को सुल्तानपुर लोधी से पार्टी विधायक नवतेज सिंह चीमा की उम्मीदवारी का समर्थन किया, जहां से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. नवजोत सिंह सिद्धू ने कादियान विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक फतेह जंग बाजवा का भी समर्थन किया है, जहां पूर्व पीसीसी प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.
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