
विराट कोहली (Virat Kohli) को हाल ही में भारत की वनडे टीम के कप्तान के तौर पर से हटा दिया गया है. वह अभी भी टेस्ट में टीम इंडिया के कप्तान हैं. ये ऐसा प्रारूप हैं जहां कोहली ने बतौर कप्तान शानदार काम किया है. उनकी कप्तानी में टीम ने विदेशी जमीन पर अलग खेल दिखाया और कई इतिहास भी रचे, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना सबसे बड़ी उपलब्धि है. कोहली के कप्तानी करियर की शुरुआत भी ऑस्ट्रेलिया से हुई थी, लेकिन वो अच्छी नहीं रही थी. महेंद्र सिंह धोनी के 2014 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. इसके बाद कोहली को कप्तान बनाया गया था. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने अपना पहला टेस्ट मैच एडिलेड में नौ से 13 दिसंबर के बीच खेला था. इस मैच के आखिरी दिन कोहली ने जो पारी खेली थी उससे टीम इंडिया के लिए असंभव सी जीत भी मुमकिन लगने लगी थी लेकिन फिर बाजी पलट गई. On This Day में आज बात उसी टेस्ट मैच के आखिरी दिन की.
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की थी और अपनी पहली पारी 517 रनों पर सात विकेट पर घोषित कर दी थी. भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में लड़ाई लड़ी थी और 444 रन बनाए थे. कप्तान कोहली ने सबसे ज्यादा 115 रन बनाए थे. उनके अलावा चेतेश्वर पुजारा ने 73, अजिंक्य रहाणे ने 62, मुरली विजय ने 53 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी की थी और अपनी पारी पांच विकेट के नुकसान पर 290 रनों पर घोषित कर दी थी. उसके लिए डेविड वॉर्नर ने सबसे ज्यादा 103 रन बनाए थे.
आखिरी दिन चाहिए थे 364 रन
ऑस्ट्रेलिया ने इस तरह भारत के सामने 364 रनों का लक्ष्य रखा. विराट कोहली अपनी आक्रामकता के लिए जाने जाते हैं. वह उन खिलाड़ियों में से हैं जो आखिरी पल तक हार नहीं मानते और जीतने के लिए अपना सौ प्रतिशत देते हैं. टेस्ट मैच के आखिरी दिन 364 रन चेज करना आसान बात नहीं होती, लेकिन ये कप्तान कोहली की टीम इंडिया थी. टीम ने मैच जीतने की ठानी और कोहली ने लड़ाई लड़ी. सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए शानदार साझेदारी की दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 185 रनों की साझेदारी की. टी तक भारत ने दो विकेट खोकर 205 रन बना लिए थे. टीम इंडिया के लिए ये आखिरी सत्र काफी अहम था.
विराट कोहली ने अपने 100 रन भी पूरे कर लिए. लेकिन 242 के कुल स्कोर पर नाथन लॉयन ने विजय को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. विजय 99 रनों पर आउट हुए. उन्होंने अपनी पारी में 234 गेंदों का सामना किया और 10 चौकों के अलावा दो छक्के मारे. अजिंक्य रहाणे (0), रोहित शर्मा (6), ऋद्धिमान साहा (13) के विकेट भारत ने जल्दी खो दिए. लेकिन विराट कोहली टिके हुए थे और उनके साथ टिकी थीं भारत की उम्मीदें.
लॉयन ने पलटा पासा
भारत ने 300 का स्कोर भी पार कर लिया था. कोहली के रहते जीत भी मुमकिन लग रही थी. बोर्ड पर 304 रन टंग गए थे. विराट कोहली ने तभी लॉयन की गेंद पर बड़ा शॉट खेलना चाहा और मिचेल मार्श ने बाउंड्री पर उनका कैच लपक लिया. इसी कैच के साथ भारत की जीत की उम्मीदें खत्म हो गईं. कोहली ने 175 गेंदों पर 16 चौके और एक छक्के की मदद से 141 रनों की पारी खेली. भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में 315 रनों पर ढेर हो गई.
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