
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बुधवार को कहा कि वर्तमान टी 20 वर्ल्डकप में भारत-पाकिस्तान क्रिक्रेट मैच के सिलसिले में अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उन सभी को वह कानूनी मदद मुहैया कराएगी. पीडीपी प्रवक्ता अनिल सेठी ने ट्वीट किया, ‘पीडीपी ने उनसभी को कानूनी सहायता देने का निश्चय किया है जिनपर वर्तमान टी 20 वर्ल्डकप में भारत-पाकिस्तान क्रिक्रेट मैच के सिलसिले में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जो न्याय पाने में समर्थ नहीं है.’
उन्होंने लिखा, ‘जिन लोगों को कानूनी सहायता की जरूरत है, वे संपर्क कर सकते हैं.’ आगरा में तीन कश्मीरी विद्यार्थियों को 25 अक्टूबर को भारत के हार जाने के बाद पाकिस्तान के समर्थन में कथित रूप से नारे लगाने पर गिरफ्तार किया गया था. आगरा की कई वकील एसोसिएशनों ने यह कहते हुए इन विद्यार्थियों की कोई कानूनी सहायता करने से इनकार कर दिया कि उनकी हरकत ‘राष्ट्र-विरोधी’ है.
श्रीनगर में भी पाकिस्तानी की जीत पर जश्न मनाने को लेकर दो मेडिकल कॉलेजों के कई विद्यार्थियों पर दो मामले दर्ज किये गये.
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ का अनुरोध
भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत का घाटी में कई स्थानों पर जश्न मनाए जाने संबंधी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. यह मैच रविवार को दुबई में हुआ था. पाकिस्तान की जीत के बाद कई स्थानों पर पटाखे छोड़े गए थे. जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से यूएपीए के तहत लगाए गए आरोपों को मानवीय आधार पर रद्द किए जाने का अनुरोध किया था.
संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुएहामी ने एक बयान में कहा था कि छात्रों के खिलाफ यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप कड़ी सजा हैं, जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा और ‘उन्हें और भी अलगाव में डालेगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम उनके कृत्य को उचित नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन इससे उनका करियर समाप्त हो जाएगा. इन आरोपों का छात्रों के शैक्षणिक जीवन एवं भावी करियर पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.’
महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान
महबूबा मुफ्ती ने भी गिरफ्तार किए गए छात्रों का समर्थन किया और ट्वीट कर लिखा था, ‘पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरियों के खिलाफ इतना गुस्सा क्यों? कुछ लोग तो ऐसे नारे भी लगा रहे हैं- देश के गद्दारों को, गोली मारो… कोई यह भूल नहीं सकता कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छिनने के बाद मिठाइयां बांटकर कितने लोगों ने जश्न मनाया था.’
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