
भारत मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से विदेशी बाजारों तक पारस्परिक और न्यायसंगत पहुंच की कोशिश कर रहा है, जिसके लिए देश अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ बातचीत कर रहा है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. भारत मौजूदा समय में संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है.
एक मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार किए गए माल की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को कम या समाप्त करते हैं. इसके अलावा, वे सेवा क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाते हैं. गोयल ने टाइम्स नाउ समिट 2021 में कहा, ‘‘एफटीए के माध्यम से, हम विदेशी बाजारों में पारस्परिक और न्यायसंगत पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं. एफटीए दोनों देशों के लिए लाभप्रद होता है. यदि यह असमान संतुलन पैदा करे तो एफटीए कभी भी सफल नहीं हो सकता है.’’
FTA को संतुलित किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि भारत के कुछ पुराने एफटीए जो संतुलित नहीं थे, उन देशों के साथ व्यापार घाटे में वृद्धि हुई है. गोयल ने कहा, ‘‘हम संतुलित, निष्पक्ष और न्यायसंगत एफटीए के लिए काम कर रहे हैं, ताकि दोनों पक्षों को लाभ हो और रोजगार सृजित हों और हमारे छोटे, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग के लिए व्यापार के अवसर उपलब्ध हों.’’
अगले वित्त वर्ष 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने पिछले दिनों कहा था कि उत्पादों के आक्रामक विपणन (अग्रेसिव मार्केटिंग) , मुक्त व्यापार समझौतों (फ्री ट्रेड अग्रीमेंट यानी FTA) के समय पर क्रियान्वयन और MSME कंपनियों को सस्ते कर्ज से अगले वित्त वर्ष में देश का निर्यात 500 अरब डॉलर तक ले जाने में मदद मिलेगी.
400 बिलियन डॉलर का लक्ष्य संभव
उन्होंने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और वाहन कलपुर्जे, फार्मास्युटिकल्स और रसायन जैसे उभरते क्षेत्रों पर निर्यात केंद्रित होना चाहिए. मुंबई के प्रमुख निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया के संस्थापक चेयरमैन शरद कुमार सराफ ने कहा कि 2022-23 में 500 अरब डॉलर का निर्यात हासिल करना संभव है क्योंकि इस वित्त वर्ष में निर्यात 400 अरब डॉलर को पार कर जाएगा.
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(भाषा इनपुट)