
केरल और यूरोप में कोरोना की लहर का क्या कनेक्शन है और उसकी वजह से देश में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हो सकता है क्या,
कोरोना भारत के लिए पहले से भी कई गुना ज्यादा खतरा लेकर आ रहा है. पिछले दिनों देश ने एक के बाद एक कई त्योहार मनाए हैं और उनमें घनघोर लापरवाही बरती गई. अब फिक्र ये उठ रही है कि हमने दिवाली और छठ तो धूमधाम से मना लिया, लेकिन क्या अब क्रिसमस भी वैसे ही मना पाएंगे? ऐसा क्यों कहा जा रहा है. अब ये समझिए, कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च की एक रिपोर्ट में भारत में तेजी से संक्रमण बढ़ने का खतरा जताया गया है. रिपोर्ट में R-वैल्यू को आधार बनाया गया है, जिससे ये पता चलता है कि एक संक्रमित से कितने व्यक्ति संक्रमित हो सकते हैं और इस लिहाज से चार राज्य ऐसे पाए गए हैं, जहां R-वैल्यू पूरे देश के औसत से ज्यादा है.
अब इसका असर कितना खतरनाक हो सकता है. ये पंजाब को लेकर लगाए जा रहे अनुमान को देखकर समझिए. पंजाब में फेस्टिव सीजन के बाद संक्रमण बढ़ा है और उस हिसाब से इस महीने के अंत तक डेली कोरोना केस में 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. लद्दाख में बीते 5 दिनों में डेली न्यू केस में 118 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है, लेकिन खतरे की सबसे बड़ी घंटी केरल से बजी है क्योंकि वहां बिल्कुल यूरोप के पैटर्न पर कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. केरल और यूरोप में कोरोना की लहर का क्या कनेक्शन है और उसकी वजह से देश में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हो सकता है क्या, ये समझने के लिए रिपोर्ट देखिए.
अस्पतालों में फिर बेड कम पड़ने लगे हैं और जिंदगी फिर वेंटिलेटर पर अटक गई है. ये तस्वीरें जर्मनी की हैं, जहां कोरोना संक्रमण के आक्रमण से लोगों की सांसें फिर उखड़ रही हैं क्योंकि जर्मनी में कोराना का कहर रोज नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है. इस महीने की शुरुआत से अब तक नए केसों में 253 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हो चुकी है. हालत ये है कि जर्मनी के 33 जिलों में अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है. हालात सिर्फ जर्मनी में नहीं, बल्कि पूरे यूरोप में तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं.
केरल में रोजाना आ रहे केस में करीब 40% मामले ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के हैं
बीते हफ्ते दुनिया में कोरोना संक्रमण के जितने नए केस मिले उसमें से 60 प्रतिशत केस यूरोप में पाए गए. यूरोपीय देशों में बीते एक हफ्ते में कोविड से होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यूरोप के हालात देखकर सवाल उठ रहा है कि क्या भारत में भी कोरोना के केस बढ़ सकते हैं क्योंकि यूरोपीय देशों में भारत से ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ, उसके बावजूद कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है. ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यूरोप जैसे ही हालात भारत में दिखाई पड़ने लगे हैं.
ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का मतलब पूरी तरह वैक्सीनेट होने के बाद भी संक्रमित हो जाना यानी आपने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली, उसके बावजूद आपको फिर से कोरोना हो गया. देश में ये फिक्र केरल ने बढ़ा दी है. जहां कोरोना केस की रफ्तार जरूर कम हुई है, लेकिन अभी भी पूरे देश में सबसे ज्यादा केस वहीं मिल रहे हैं. केरल में वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना से संक्रमित होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. केरल में रोजाना आ रहे केस में करीब 40% मामले ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के हैं. ये चिंता वाली बात इसलिए है, क्योंकि भारत में कोरोना की शुरुआत केरल से ही हुई थी और अब वहां फुली वैक्सीनेटेड लोग भी संक्रमित हो रहे हैं. इसकी कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन एक वजह फिक्र बढ़ा सकती है और वो है वायरस के नए स्ट्रेन की वजह से संक्रमण होना.
अगर ऐसा है, तो केरल की तरह ही बाकी राज्यों में भी ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के केस बढ़ सकते हैं. मतलब ये कि यूरोप की तरह ही वायरस भारत में भी वैक्सीन के कवच को भेद सकता है और एक बार फिर संक्रमण की नई लहर का एपिसेंटर बन सकता है. इस रिपोर्ट से साफ है कि अगर यूरोप जैसी लहर भारत में आ गई तो ना तो हम क्रिसमस मनाने के काबिल रहेंगे, ना न्यू इयर. दो साल से देखा जा रहा है कि होली के बाद कोरोना की एक लहर दस्तक देती है और इस बार होली के बाद क्या होगा ये कोई नहीं जानता, लेकिन जिस तरह से हमारा धैर्य टूटा है. हमने त्योहार मनाए हैं. उस तरह की हिम्मत तो कोरोना फैलाने वाला देश चीन भी नहीं कर पा रहा. आपको दिखाते हैं कि दूसरों के लिए कुआं खोदने वाला देश. चीन कैसे खुद महामारी के चंगुल में फंसा हुआ है.
ऊंची-ऊंची इमारतों में लोगों को लॉक कर दिया गया
बसों में भर-भरकर कोरोना संक्रमितों को ले जाया जा रहा है. एक बार फिर ऊंची-ऊंची इमारतों में लोगों को लॉक कर दिया गया है. इमारतों में कैद लोगों को क्रेन और लिफ्ट के जरिए जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है. ये तस्वीरें चीन के डालियान शहर की हैं. इस बात का सबूत हैं कि दुनिया को कोरोना बांटने वाले चीन में फिर वायरस विस्फोटक हो चुका है. चीन में 28 दिनों में कुल 1280 मामले आए हैं, लेकिन हकीकत में ये आंकड़ा बहुत बड़ा हो सकता है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि संक्रमित व्यक्ति के 1 किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों की टेस्टिंग की जा रही है.
पूरे-पूरे इलाके को क्वारेंटाइन किया जा रहा है..सख्ती और पाबंदिया बढ़ा दी गई हैं. एक शख्स पॉजिटिव मिलने के बाद शंघाई डिज्नीलैंड पार्क को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया और वहां मौजूद करीब 30,000 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया. हालही में एक हाईस्पीड ट्रेन का क्रू किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ गया था, इसके बाद ट्रेन में मौजूद सभी लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया. रूस बॉर्डर से सटे शहर हीहे में कोविड प्रकोप के जिम्मेदार लोगों की सूचना देने पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा है.
चीन के हालात और अलर्टनेस को देखकर समझा जा सकता है कि हम और आप किस कंफर्ट जोन में चले गए हैं. वैक्सीन कोरोना से बचाव का कवच है, लेकिन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाकर उस कवच को कमजोर करने का काम हमारे और आपके बीच मौजूद बहुत सारे लोग कर रहे हैं. ये लापरवाही ना सिर्फ वैक्सीन के कवच को कमजोर कर रही है, बल्कि संक्रमण की कड़ी को भी मजबूत कर रही है.