
एक और आईसीसी टूर्नामेंट निकल गया और भारत (India) की झोली खाली ही रह गई. 2013 के आखिरी खिताब के बाद से ही भारतीय टीम (Indian Team) ट्रॉफी का इंतजार कर रही है, लेकिन पिछली 6 बार की तरह इस बार टी20 विश्व कप 2021 (ICC T20 World Cup 2021) में भी भारतीय टीम निराश होकर ही लौटी. अब अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप से पहले जीत के लिए कुछ बदलाव होने ही हैं और उसमें पहला बदलाव तो नेतृत्व के स्तर पर हो चुका है. विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा (Rohit Sharma) भारतीय टी20 टीम के कप्तान बन गए हैं. दूसरा बदलाव, जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, वो है टीम इंडिया के खेलने का तरीका या रणनीति. क्या खिताब की तलाश में भारतीय टीम अपने खेल का सांचा यानी टेम्पलेट बदलेगी? क्या उन टीमों का तरीका अपनाएगी, जिन्हें सफलता मिल रही है? टीम के नए कप्तान ने इस पर अपनी राय साफ कर दी है.
भारतीय टीम के नए टी20 इंटरनेशनल कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि टीम में कुछ सुधार की जरूरत है, लेकिन उसके लिए अपने ही तरीके आजमाए जाएंगे, दूसरों के नहीं. भारतीय टीम को लगातार टी20 में वनडे की स्टाइल का क्रिकेट खेलने का दोषी माना जाता रहा है और इसका खामियाजा टीम को बड़े मैचों में भुगतना पड़ता है. टी20 विश्व कप में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए मैचों में भी यही दिखा, जहां टीम दबाव की स्थिति से तुरंत निकलने में नाकाम हुई और उसका नतीजा पहले ही राउंड में टीम इंडिया की हार के रूप में निकला.
टीम की सबसे बड़ी चुनौती
ऐसे में क्या भारतीय टीम रोहित की कप्तानी में नए टेम्पलेट को अपनाएगी? क्या इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया जैसे अंदाज में भारतीय टीम खेलेगी? ये सवाल हर भारतीय क्रिकेट फैन के मन में है और कुछ इसी तरह का सवाल जयपुर में रोहित से उनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया और इसके जवाब में भारतीय कप्तान ने कहा,
“हमने आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीते, लेकिन एक टीम के तौर पर अच्छा खेले हैं. कुछ छोटी-मोटी कमियां हैं, जिन्हें दूर करना है. एक टीम के तौर पर यही हमारी सबसे बड़ी चुनौती होगी. हमें अपना खुद का टेम्पलेट तैयार करना होगा, न कि दूसरों की नकल करनी होगी.”
न्यूजीलैंड सीरीज से होगी शुरुआत?
अब भारतीय टीम का नया अंदाज क्या होगा, इसकी झलक अगले कुछ दिनों में दिख ही जाएगी. भारतीय टीम बुधवार 17 दिसंबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज की शुरुआत कर रही है. ऐसे में पहले ही मैच में कोई बदलाव देखने की उम्मीद नहीं है और अगर टीम इंडिया के तरीके में कोई बदलाव दिखता भी है, तो पहले मैच या पहली सीरीज से ही उस पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकेगा. इसलिए अगले कुछ महीने इस फॉर्मेट में टीम इंडिया के विकास के लिए अहम हैं.
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