
कार्तिक मास की अमावस्या के दिन अंधकार पर प्रकाश की विजय दिलाने वाला दीपावली का पावन पर्व मनाया जाता है. दिवाली की रात प्रत्येक व्यक्ति मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का आशीर्वाद पाने के लिए तमाम तरह की पूजा और पूजा से जुड़े उपाय करता है. तंत्र-मंत्र और यंत्र को सिद्ध करने और मनोकामनाओं को पूर करने के लिए दिवाली की रात को बहुत शुभ माना गया है. आइए इस रात सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए किए जाने वाले कुछ अचूक उपाय के बारे में जानते हैं.
लक्ष्मी के स्थायी निवास के लिए
यदि आप जीवन से सुख-समृद्धि चाहते हैं तो कार्तिक मास की अमावस्या यानि दीपावली के पूरे घर की सफाई करें और रात्रि में माँ लक्ष्मी जी की विधि-विधान से साधना-आराधना करें. दीपावली के दिन इस पूजा को करने के बाद लगातार आने वाली अमावस्या को करते रहें. इस उपाय को करने पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर साधक के घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं.
धन का भंडार भरने के लिए
यदि आप पैसों की किल्लत से जूझ रहे हैं और बड़े प्रयास के बावजूद आपकी आर्थिक दिक्कतें दूर नहीं हो रही है तो आप दिवाली की रात को शुभ मुहूर्त में एक नारियल किसी लाल कपड़े में लपेटकर अपने पूजा स्थान पर विधि-विधान से स्थापित करें. दिवाली की रात इस उपाय को करने पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन की वर्षा करती हैं.
नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए
यदि आपको लगता है कि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो गया है तो आप उसे दूर करने के लिए दिवाली की रात को मां लक्ष्मी गणेश का पूजन करने के बाद घर के प्रत्येक कमरे में जाकर शंख बजाएं. जब आप शंख बजाएं तो घर की खिड़कियां दरवाजे खोल दें और शंख बजाने के बाद दोनों चीजें बंद कर दें.
परिवार में सुख-सामंजस्य के लिए
यदि आप चाहते हैं कि आपके घर के सदस्यों में हमेशा प्रेम और सामंजस्य बना रहे और सभी सुखी रहें तो आपको दिवाली की रात को घर के सभी सदस्यों के ऊपर से सात बार काला तिल उतार कर पश्चिम दिशा में फेंक देना चाहिए. दिवाली के दिन इस उपाय को करने पर घर पर नकारात्मक शक्तियों का दुष्प्रभाव नहीं होता है और परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है.
शत्रुओं पर विजय पाने के लिए
यदि आपको ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं से हमेशा भय बना रहता है तो आप दिवाली की रात एक नींबू पर अपने शत्रु का नाम लिखकर उसे बहते पानी में प्रवाहित कर दें. मान्यता है कि दिवाली की रात इस उपाय को करने पर शत्रु खुद अपने हथियार डाल देता है.
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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)