
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में संतोष जगताप नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जो इस हाई-प्रोफाइल मामले में पहली गिरफ्तारी है. एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने कथित बिचौलिए जगताप को महाराष्ट्र के ठाणे से सुबह गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि आरोपी पिछले महीने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी जांच से बच रहा था.
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने अगस्त में कथित बिचौलिए जगताप के परिसरों पर छापा मारा था और 9 लाख रुपए भी बरामद किए थे. एजेंसी ने देशमुख और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत “अनुचित और बेईमान कृत्य कर अनुचित लाभ प्राप्त करने के प्रयास” के लिए मामला दर्ज किया है.
मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद, परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि देशमुख ने (अब बर्खास्त) पुलिस अधिकारी वाजे को शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही करने के लिए कहा था.
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप है, “प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया पता चला कि इस मामले में एक संज्ञेय अपराध बनाया गया है, जिसमें महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख और अज्ञात अन्य लोगों ने अपने सार्वजनिक कर्तव्य के अनुचित और बेईमान प्रदर्शन के जरिये अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया.”
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई नियमावली के अनुसार, प्रारंभिक जांच (PI) शुरू की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपों में पूर्ण जांच व नियमित मामले में आगे बढ़ने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री है या नहीं.
(भाषा)
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