
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC-Genetic Engineering Appraisal Committee) ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में खेती के लिए अनुमोदित बीजी 11 कपास संकरों की सिफारिश की है. पिछले दिनों विशेषज्ञों की टीम ने 2022 सीजन के लिए सिफारिश की जाने वाली नरमे की हाइब्रिड का किया निरीक्षण किया था.
हरियाणा के सिरसा में केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान का क्षेत्रीय स्टेशन है. यहां मूल्यांकन समिति की टीम ने कपास परीक्षणों का निरीक्षण किया था. इसी के आधार पर यह सिफारिश की गई है. स्टेशन के प्रमुख डॉ. एसके वर्मा के मुताबिक जीईएसी कपास परीक्षण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में 06 स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं.
परीक्षणों में क्या हो रहा है
डॉ. वर्मा के मुताबिक इन परीक्षणों के तहत उत्तर भारतीय परिस्थितियों में कीटों, रोगों और खेती के लिए उपयुक्तता की विभिन्न बीजी, कपास संकरों का परीक्षण और जांच की जा रही है. टीम को स्टेशन द्वारा विकसित देसी और अमेरिकी कपास की किस्मों और संकरों को दिखाया गया है.
कृषि उपज मंडी समितियों में होगी भर्ती
राजस्थान सरकार ने कृषि उपज मंडी समितियों (APMC-Agricultural Produce Marketing Committee) में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ताकि इन समितियों को मजबूत बनाकर किसानों (Farmers) के लिए और सहूलियत दी जा सके.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि उपज मण्डी समितियों में 400 कनिष्ठ सहायकों की सीधी भर्ती राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर के माध्यम से कराए जाने की मंजूरी दी है. गहलोत की इस मंजूरी से कृषि उपज मण्डी समितियों में कनिष्ठ लिपिकों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती हो सकेगी. साथ ही, युवाओं को रोजगार (Employment) के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से भर्ती करवाने के पीछे का तर्क
उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह भर्ती राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ कॉपरेटिव एजुकेशन एण्ड मैनेजमेंट के माध्यम से कराई जानी थी, लेकिन भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र करने के मकसद से मुख्यमंत्री ने यह परीक्षा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर से कराए जाने की स्वीकृति दी है.
राजस्थान में ढाई सौ से अधिक मंडियां हैं. किसान आंदोलन कर रहे नेताओं को आशंका है कि कृषि कानूनों के असर से मंडियां खत्म हो जाएंगी. इस आशंका और आंदोलन के बीच राजस्थान सरकार ने मंडियों में खाली पड़े पदों को भरने का एलान करके बता दिया है कि मंडियों को लेकर अभी किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है.
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