
देश का सबसे बड़ा प्रदेश 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहा है. एक तरफ योगी सरकार अपने मेनिफेस्टो के कामों को पूरा करने में लगी है. वहीं विरोधी दल विधानसभा वार जनता के बीच रहने वाले चेहरों की तलाश में जुट गये हैं. सभी दल अपने-अपने नेताओं का फीडबैक संगठन के माध्यम से ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश की डुमरियागंज विधानसभा (Domariyaganj Assembly) में भी नेताओं ने ताल ठोकने की तैयारी कर ली है. यह सीट 2017 के विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर सुर्खियों में रही है. वर्तमान में डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र से जगदम्बिका पाल (Jagdambika Pal) सांसद हैं.
अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी विधानसभा
उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में नेपाल के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सिद्धार्थनगर जिले का डुमरियागंज विधानसभा (Domariyaganj Assembly) जहां सभी धर्मों की मिली-जुली आबादी रहती थी. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक डुमरियागंज विधानसभा में 419016 कुल मतदाता है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 217592 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 184294 है. वहीं जातिगत आंकड़ों के मुताबिक डुमरियागंज में लगभग 29 प्रतिशत पिछड़े मतदाता, 31 प्रतिशत मुस्लिम, 16 प्रतिशत दलित और 14 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं.
प्रदेश में सबसे कम अंतर से जीतने वाले विधायक
2017 विधानसभा में डुमरियागंज सीट (Domariyaganj Assembly) से राघवेंद्र प्रताप सिंह पूरे प्रदेश में सबसे कम वोटों से जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. राघवेंद्र प्रताप सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के करीबी माने जाते हैं. राघवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव से पहले गोरक्षपीठ की हिन्दुयुवा वाहिनी के कार्यकर्ता थे. सामान्य परिवार से आने वाले राघवेंद्र सिंह की जीत सुर्ख़ियों में रही. राघवेंद्र प्रताप सिंह को इस चुनाव में 67227 (33.35 प्रतिशत) वोट मिला था. वहीं बहुजन समाज पार्टी से सैयदा खातून को 67056 (33.26 प्रतिशत) वोट मिला था. समाजवादी पार्टी से रामकुमार यादव को 52222 वोट मिला था.
पांच बार विधायक रहे कमाल युसूफ
डुमरियागंज विधानसभा (Domariyaganj Assembly) में 2002 में कमाल यूसुफ मलिक समाजवादी पार्टी के विधायक बने, जिन्हें 44404 वोट मिले थे. जबकि 2007 में बहुजन समाज पार्टी के तौफीक अहमद को 32626 वोटों के साथ जनता ने विधानसभा भेजा. 2012 के विधानसभा चुनाव में कमाल युसूफ मलिक ने बाजी मारी और पीस पार्टी से 44428 वोट के साथ विधानसभा पहुंचे. कमाल युसूफ पांच बार डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र (Domariyaganj Assembly) से विधायक रह चुके हैं.
काला नमक चावल ने बनाई पहचान
डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र (Domariyaganj Assembly) में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या सबसे बड़ी है. जिससे हर साल यहां पलायन की स्थिति बन जाती है. यहां कृषि ही स्थानीय लोगों के जीवन यापन का मुख्य साधन है. वहीं डुमरियागंज विधानसभा (Domariyaganj Assembly) को दुनिया भर में काला नमक चावल के कारण पहचान मिली है. यहां आम तौर पर छोटे किसान गन्ने के व्यवसाय करते हैं. नेपाल से लगे होने के चलते यहां के युवा रोजगार के लिए आते-जाते रहते हैं.
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