
श्रावस्ती जनपद की भिनगा विधानसभा सीट (Bhinga Assembly) बहराइच से सटी हुई है. भिनगा को एक प्राचीन नगरी का भी दर्जा प्राप्त है. श्रावस्ती जनपद की स्थापना के बाद भिनगा को जिला मुख्यालय बनाया गया. इस विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं भारत-नेपाल सीमा से भी लगी हुई है. इस क्षेत्र में नेपाल की नदियों के कारण हर साल बाढ़ आती है और किसानों की फसल को बड़ा नुकसान होता है. 2017 में भिनगा सीट पर बसपा ने बाजी मारी थी. इस सीट से असलम रायनी चुनाव जीतकर विधायक बने थे.
राजनीतिक इतिहास
भिनगा विधानसभा सीट (Bhinga Assembly) पर 1980 में निर्दलीय प्रत्याशी खुर्शीद अहमद की जीत हुई. वह दूसरी बार 1985 में भी निर्वाचित हुए. 1989 में निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रमणि सिंह ने खुर्शीद अहमद को हरा कर जीत दर्ज की. 1991 में राम मंदिर लहर के के चलते चंद्रमणि कांत सिंह को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया. उन्होंने भाजपा को इस सीट से पहली जीत दिलाई. इसके बाद उनके जीत का सफर जारी रहा.
1993 में भाजपा के चंद्रमणि कांत सिंह दूसरी बार विधायक बने. इस बार उन्होंने सपा के मोहम्मद रमजान को 6086 मतों से हराया. 1996 में तीसरी बात भाजपा के चंद्रमणि कांत सिंह ने जीत दर्ज की. इसके बाद 2002 में भी चंद्रमणि कांत सिंह लगातार चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए. उन्होंने 1985 मतों से बसपा के मोहम्मद असलम को हराया.
वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में इस (Bhinga Assembly) सीट पर बसपा के प्रत्याशी दद्दन प्रसाद की जीत हुई. उन्होंने कांग्रेस के मोहम्मद असलम को हराया. भिनगा विधानसभा सीट (Bhinga Assembly) पर 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा. 2017 में बसपा के मोहम्मद असलम ने पार्टी को दूसरी जीत दिलाई. इस बार बीजेपी चंद्रमणि कांत सिंह के पुत्र अक्षयवेन्द्र कांत सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया था.
जातीय समीकरण
भिनगा विधानसभा सीट (Bhinga Assembly) पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस सीट पर 50 हजार मुस्लिम, 35 हजार ब्राह्मण, 45 हजार दलित, 45 हजार यादव, 35 हजार कुर्मी, 9 हजार ठाकुर मतदाता हैं.
कुल मतदाता – 378755
पुरुष मतदाता – 203516
महिला मतदाता – 175219