
पुरवा (Purwa Assembly) उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. यह सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है. हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की थी. अब इस बार पूरवा विधानसभा सीट (Purwa Assembly) के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह तो 2022 में जनता तय करेगी. लेकिन 1993 से लेकर 2012 तक यह सीट समाजवादी पार्टी के पास ही रही है. हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का वैसे तो पूरे प्रदेश में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा लेकिन पुरवा सीट से अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने में सफल रही. वर्तमान में यह सीट बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अनिल सिंह की है, जिन्होंने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार उत्तम चंद्र को 26,483 मतों के अंतर से हराया था.
सीट का इतिहास
पुरवा उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यह उन्नाव लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर सबसे पहला चुनाव 1957 में हुआ था. जिसमें निर्दलाय प्रत्याशी परमेश्वर दीन वर्मा विधायक बने थे. 1962 में रामाधीन सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का सफर तय किया. 1967 में यह सीट आरक्षित कर दी गई, जिसके बाद भारतीय जनसंघ के लखन ने जीत दर्ज की. 1969 में कांग्रेस के दुलारे लाल विधायक चुने गए. 1974 में फिर कांग्रेस ने गया सिंह को मैदान में उतारा और जीत दर्ज की. 1977 में जनता पार्टी से इस सीट को छीन लिया और चंद्रभूषण सिंह काबिज हुए. 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और गया सिंह दोबारा विधायक बने.
लगातार 4 बार विधायक बने हृदय नारायण दीक्षित
1985 में सभी दलों को शिकस्त देकर हृदय नारायण दीक्षित निर्दलीय विधायक बने. जीत का यह सिलसिला 1993 तक चला और हृदय नारायण दीक्षित 1989 में जनता दल फिर 1991 में जनता पार्टी औऱ 93 में सपा से विधायक बने रहे. वर्तमान में हृदयनारायण दीक्षित भगवंतनगर सीट पर भाजपा से विधायक हैं और विधानसभा अध्यक्ष भी हैं.
2012 तक रहा सपा का कब्जा
1993 के चुनाव में पहली बार सपा का खाता खुला था. इस चुनाव में हृदय नारायण दीक्षित ने सपा को पहली बार जीत दिलाई थी. यहीं से इस सीट पर मजबूत हुई सपा ने 2012 तक अपना कब्जा जमाये रखा. इस (Purwa Assembly) सीट पर 1996 में सपा ने उदयराज को मैदान में उतारा, जिसके बाद वह 2002, 2007 और 2012 तक लगातार चार बार विधायक रहे. वहीं 2017 में मोदी लहर के बावजूद बसपा ने भाजपा को हराकर सपा के इस गढ़ पर कब्जा कर दिया.
2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 अनिल सिंह बसपा 97567 39.84
2 उत्तम चंद्र भाजपा 71084 29.03
3 उदय राज सपा 68114 27.81
जीत का अंतर– 26483
2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 उदय राज सपा 85073 40.94
2 नरेंद्र सिंह बसपा 57172 27.52
3 डॉ. एमएच खान कांग्रेस 29898 14.39
4 अमरनाथ भाजपा 23435 11.28
जीत का अंतर– 27901
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