
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) को लेकर गहमागहमी शुरू हो गयी है. सियासी दलों ने प्रत्याशियों कब चयन को लेकर समीकरण बनाने शुरू कर दिए हैं. लखनऊ की कैंट विधानसभा (Lucknow Cantt Assembly) उत्तरप्रदेश की चर्चित सीटों में से रही है. 2017 में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) ने परचम लहराया था. वहीं रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बनने पर रिक्त हुई सीट पर 2019 में उपचुनाव हुआ. इसमें भी भाजपा ने जीत दर्ज की और सुरेश चंद्र तिवारी चौथी बार विधायक बने. जानिए क्या है इस सीट का सियासी हाल…
2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी जीतने में सफल रहीं थीं. उन्हें 95402 वोट मिले. दूसरे नंबर पर सपा प्रत्य़ाशी और मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव रहीं, उन्हें 61606 वोट मिले. 26 हजार वोट पाकर बसपा प्रत्याशी योगेश दीक्षित तीसरे नंबर पर रहे थे. वहीं 2019 के उपचुनाव में भाजपा के सुरेश चंद्र तिवारी ने सपा के मेजर आशीष चतुर्वेदी को 35438 वोट से हरा दिया.
सीट का इतिहास
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट (Lucknow Cantt Assembly) पर सबसे ज्यादा 7 बार कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है. 1957 में श्याम मनोहर मिस्र, 1962 में बालक राम वैश्य, 1974 में चरण सिंह, 1980, 1985, 1989 में प्रेमवती तिवारी और 2012 में कांग्रेस से रीता बहुगुणा ने जीत दर्ज की थी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी भी इस क्षेत्र से 7 बार चुनाव जीतने में सफल रही है. इसमें 1991 और 93 में सतीश भाटिया, 1996, 2002 और 2007 में सुरेश चंद्र तिवारी, फिर 2017 में रीता बहुगुणा जोशी और 2019 के उपचुनाव में सुरेश चंद्र तिवारी ने भाजपा को विजय दिलाई. वहीं 1977 में जनता पार्टी के कृष्णकांत मिस्र, 1969 में भारतीय क्रांति दल के सच्चिदानंद और 1967 में बीपी अवस्थी निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. लेकिन कैंट विधानसभा सीट (Lucknow Cantt Assembly) पर सपा-बसपा का कभी खाता नहीं खुल सका.
ब्राह्मण प्रत्याशियों का रहा दबदबा
कैंट विधानसभा सीट (Lucknow Cantt Assembly) पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं. इसमें ज्यादातर ब्राह्मण प्रत्याशियों का ही दबदबा रहा है. इस सीट पर सबसे ज्यादा 12 बार ब्राह्मण प्रत्याशियों ने ही बाजी मारी है. यहां सबसे ज्यादा तीन-तीन बार 1989, 85, 89 में कांग्रेस की प्रेमवती तिवारी और 1996, 2002, 2007, 2019 में बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. दो बार रीता बहुगुणा जोशी भी इस सीट से चुनाव जीती हैं. 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनी गई, वहीं 2017 में वह बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचीं थीं.
2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 रीता बहुगुणा जोशी भाजपा 95402 50.9
2 अपर्णा यादव सपा 61606 32.87
3 योगेश दीक्षित बसपा 26036 13.90
जीत का अंतर– 33796
2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 रीता बहुगुणा जोशी सपा 63052 38.95
2 सुरेश चंद्र तिवारी भाजपा 41299 25.52
3 नवीन चंद्र बसपा 28851 17.83
4 सुरेश चौहान सपा 22544 13.93
जीत का अंतर- 21753
अब तक जीते विधायक
वर्ष 1957 श्याम मनोहर मिश्रा – कांग्रेस
वर्ष 1962 बालक राम वैश्य – कांग्रेस
वर्ष 1967 बीपी अवस्थी – निर्दल
वर्ष 1969 सच्चिदानंद – भारतीय क्रांति दल
वर्ष 1974 चरण सिंह – कांग्रेस
वर्ष 1977 कृष्णकांत मिश्रा – जनता पार्टी
वर्ष 1980 प्रेमवती तिवारी- कांग्रेस
वर्ष 1985 प्रेमवती तिवारी – कांग्रेस
वर्ष 1989 प्रेमवती तिवारी- कांग्रेस
वर्ष 1991 सतीश भाटिया – बीजेपी
वर्ष 1993 सतीश भाटिया – बीजेपी
वर्ष 1996 सुरेश चंद्र तिवारी – बीजेपी
वर्ष 2002 सुरेश चंद्र तिवारी – बीजेपी
वर्ष 2007 सुरेश चंद्र तिवारी – बीजेपी
वर्ष 2012 रीता बहुगुणा जोशी – कांग्रेस
वर्ष 2017 रीता बहुगुणा जोशी – भाजपा
वर्ष 2019 सुरेश चंद्र तिवारी – भाजपा
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