
2022 के चुनाव में भाजपा के सामने विधानसभा चुनाव 2017 के इतिहास को दोहराने की चुनौती है. वहीं दूसरे दलों के नेता सत्ता पर काबिज होने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में उतर चुके हैं. हरदोई जिले की शाहाबाद विधानसभा सीट (Shahabad Assembly) पर 1996 से 2000 तक सपा का कब्जा रहा है. लेकिन इसके बाद कभी इस सीट पर कोई पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीती. वहीं 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की रजनी तिवारी ने बसपा के आसिफ खान को 4260 वोट से मात दी और विधायक बनीं. 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के बाबू खान ने बसपा के आसिफ खान को 11134 वोट से हराया. इस चुनाव में भाजपा तीसरे स्थान पर रही. जानिए क्या है शाहाबाद विधानसभा सीट का समीकरण…
सीट का इतिहास
शाहाबाद हरदोई लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस विधानसभा क्षेत्र (Shahabad Assembly) में पहला चुनाव 1952 में हुआ था. 1957 से 2008 तक इस निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक सीटें (विधायक) थीं. 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में कांगेस की विद्यावती बाजपेई और कन्हैया लाल बाल्मिकी विधायक बने, वहीं 1957 में कांग्रेस के कल्यान राय और बलदेव सिंह यहां से विधायक बने. 1962 में जन संघ से पियारेलाल और कांग्रेस के बलदेव सिंह आर्या चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. 1967 में कांग्रेस के आरएचबी सिंह और एसडब्ल्यू से बी. धर यहां से विधायक बने.
1969 में कांग्रेस के हरिहरबक्स सिंह और बीकेडी के बंशीधर ने यहां से चुनाव जीता. 1974 में जन संघ के दधीच सिंह और कांग्रेस के बंशीधर यहां से जीते. 1977 में निर्दल प्रत्याशी बृज बल्लभ सिंह और जनता पार्टी के जगन सिंह ने जीत हासिल की. 1980 में कांग्रेस के रामऔतार दिक्षित और बंशी धर ने इस सीट पर कब्जा किया. 1985 में कांग्रेस के राम औतार दिक्षित और एलकेडी के जगन सिंह विधायक चुने गए. वहीं 1989 में इक बार फिर कांग्रेस के रामऔतार और बंशीधर जीतकर विधानसभा पहुंचे.
1991 में निर्दल प्रत्याशी बाबूखान और भाजपा के स्वामी परमानंद ने यहां (Shahabad Assembly) जीत हासिल की. 1993 में सपा के बाबूखान और भाजपा के स्वामी परमानंद ने जीत दर्ज की. 1996 में सपा के टिकट पर बाबूखान और परमानंद एक बार फिर विधायक बने. वहीं 2000 के उपचुनाव में सपा के काशीराम ने जीत दर्ज की. 2002 के चुनाव में भाजपा के गंगाभक्त सिंह और सपा के काशीराम यहां से विधायक बने. इसके बाद 2007 में बसपा के आशिफ और भाजपा के काशीराम यहां से विधायक चुने गए. 2012 में सपा के टिकट पर बाबूखान ने जीत हासिल कर विधानसभा का सफर तय किया. 2017 में मोदी लहर में भाजपा की रजनी तिवारी ने इस सीट को अपने नाम किया.
2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 रजनी तिवारी भाजपा 99624 45.30
2 आसिफ खान बसपा 95364 43.36
3 सरताज खान सपा 15776 7.17
जीत का अंतर– 4260
2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 बाबूखान सपा 89947 44.28
2 आसिफ खान बसपा 78813 38.80
3 अखिलेश पाठक भाजपा 13022 6.41
जीत का अंतर– 11134
ये भी पढ़ें: UP assembly election 2022 : कादीपुर विधानसभा सीट पर अब BJP का दबदबा, 11 बार कांग्रेस का लहराया था परचम