
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि मंडियों में धान की फसल पहुंच चुकी है. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने बाद रविवार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान सहित अन्य खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का मानना है कि खरीद का काम समय पर शुरू होना चाहिए.
केंद्र ने भारी बारिश की वजह से धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक टाल दिया था. दोनों राज्यों के किसानों ने इसका पुरजोर विरोध किया था. लेकिन शनिवार को केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब के आग्रह को स्वीकार कर लिया. भारत के दोनों कृषि प्रधान राज्यों में खरीफ की प्रमुख फसल धान की खरीद तीन अक्टूबर से शुरू होगी.
हरियाणा और पंजाब ने जल्द खरीद शुरू करने का किया था आग्रह
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. खरीद अब तीन अक्टूबर से शुरू होगी.’ केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक के बाद खट्टर ने यह जानकारी दी. उनके साथ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और राज्य के कृषि मंत्री जे पी दलाल भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि धान की फसल मंडियों में पहुंच चुकी है. किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए चौबे से खरीद को जल्द से जल्द शुरू करने का आग्रह किया गया था.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया था. उन्होंने कहा कि इस फैसले से किसानों को राहत मिलेगी और बिना किसी बाधा के सुगमता से खरीद सुनिश्चित की जा सकेगी. खरीफ फसलों धान और मिलेट की खरीद पहले एक अक्टूबर से शुरू होनी थी लकिन भारी बारिश की वजह से केंद्र ने इसे 11 अक्टूबर तक टालने की घोषणा की थी. केंद्र का कहना था कि नयी आवक में नमी की मात्रा अनुमति योग्य सीमा से अधिक है.
केंद्र के फैसले का हुआ था विरोध
इस फैसले से किसान काफी अंसुष्ट थे. दोनों राज्यों के कई हिस्सों में किसानों ने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था. विरोध कर रहे किसानों ने पुलिस का बैरिकेड तोड़ दिया. वहीं पुलिस ने उनपर पानी की बौछार भी की. करनाल में मुख्यमंत्री आवास के पास भी किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया. पंजाब में किसानों ने रूपनगर में राज्य विधानसभा के अध्यक्ष राणा के पी सिंह तथा मोगा में विधायक हरजोत कमल के निवास के बाहर प्रदर्शन किया.
किसान यूनियनों का प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. एसकेएम ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा के विधायकों के घर के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की थी. खट्टर ने कहा कि कई स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का भी मानना है कि खरीद समय पर शुरू होनी चाहिए.
पंजाब और हरियाणा में सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा धान के नमूनों की जांच से पता चला कि पंजाब में धान में नमी की मात्रा 18 से 22 प्रतिशत है. वहीं हरियाणा में यह 18.2 से 22.7 प्रतिशत है. धान में नमी की मात्रा की अनुमति योग्य सीमा 17 प्रतिशत है.
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