
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किसानों से जैविक खेती (Organic Farming) की ओर रुख करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि किसान जैविक खेती शुरू करें क्योंकि यूरिया और कीटनाशकों के इस्तेमाल से खेतों की उत्पादकता कम हो रही है और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
सीएम पटेल ने कहा कि हम इस दिशा में काम करना शुरू कर चुके हैं कि कैसे किसानों को जैविक खेती की तरफ मोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जैविक खेती पर काफी जोर दे रहे हैं. यह किसानों के लिए काफी लाभदायक है क्योंकि जैविक उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ रही है और उन्हें अच्छी कीमत मिलती है.
भूपेंद्र पटेल ने कहा कि जिस तरह की खेती अभी हो रही है, उसमें किसान पारंपरिक फसलों को लगाते हैं. इसमें खाद और कीटनाशक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. अनाज के साथ ही अब ये जहरीले पदार्थ मानव शरीर में भी प्रवेश कर रहे हैं और इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. पर्यावरण और इंसानों की सेहत को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती को चुना जा सकता है और यह एक बेहतर विकल्प भी है.
‘खाद और कीटनाशक के छिड़काव से बंजर हो रहे खेत’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती की ओर मुड़ना हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. अत्यधिक उर्वरक के प्रयोग से हमारे खेत धीरे-धीरे बंजर होते जा रहे हैं. अब तो किसान शिकायत करते हैं कि हमारा उत्पादन घटना जा रहा है. मुझे लगता है कि इस कम उत्पादकता का कारण यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव है.
हाल के वर्षों में भारत में जैविक खेती का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण लोग अब जैविक उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं. यहीं कारण है कि किसान जैविक खेती को अपना रहे हैं. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारें भी जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं. पूर्वोत्तर भारत के राज्य सिक्किम तो पूर्ण जैविक राज्य बन गया है. यहां पर करीब 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती हो रही है और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
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