
खरीफ की फसल के बाद अब किसान रबी की तैयारियों में लग गये हैं. इसे देखते हुए किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार भी रेस हो गयी है. ताकिस किसानों को किसी प्रकार से आर्थिक कठिनाइयो का सामना नहीं करना पड़े. साथ ही किसानों के कृषि की लागत को कम किया जा सके. खेती में अब उर्वरक महंगे हो गये हैं. पर किसानों को इसका इस्तेमाल करना पड़ता है. इसे देखते हुए उर्रवरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने सभी कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और अन्य फॉस्फेटिक उर्वरकों की खुदरा कीमतों में वृद्धि न करें.
डीएपी और कुछ अन्य गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाई
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार का प्रयास है कि चालू रबी सत्र के दौरान डीएपी और अन्य फॉस्फेटिक उर्वरक सस्ते दर पर किसानों को उपलब्ध हो. ताकि किसानों को परेशानी नहीं हो. उर्रवरक मंत्री ने कहा कि सरकार ने डीएपी और कुछ अन्य गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाई है. लेकिन गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाने की संभावना नहीं है. सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने कहा है कि सरकार डीएपी की खुदरा कीमतों में किसी भी तरह की वृद्धि की अनुमति नहीं देगी और कीमतों के मामले में साठगांठ को भी बर्दाश्त नहीं करेगी.
गैर यूरिया उर्वरक के लिए बढ़ी सब्सिडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून में बढ़ती लागत के बावजूद किसानों के लिए फसल पोषक तत्वों की कीमत कम रखने के लिए डीएपी और कुछ अन्य गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए सब्सिडी में 14,775 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की थी. इस कदम का उद्देश्य महामारी के बीच किसानों को राहत प्रदान करना था.
किसानों को पुराने दर पर मिलेगी डीएपी
यूरिया के बाद, डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक देश में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है. वैश्विक कीमतों में उछाल के कारण सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. डीएपी उर्वरक की सब्सिडी 500 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति बोरी कर दी गई है. सरकार ने कहा था कि किसानों को 1,200 रुपये प्रति बोरी की पुरानी दर पर डीएपी मिलता रहेगा. एक बोरी में 50 किलोग्राम उर्वरक होता है. सरकार ने 2021-22 के बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए लगभग 79,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
क्या है वर्तमान स्थिति
मौजूदा वक्त में एन (नाइट्रोजन) की सब्सिडी दर 18.789 रुपये, पी (फॉस्फोरस) 45.323 रुपये, (पोटाश) की 10.116 रुपये और एस (सल्फर) के लिए 2.374 रुपये है. सब्सिडी प्रत्येक किलोग्राम उर्वरक के लिए है. केंद्र उर्वरक निर्माताओं / आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर यूरिया और डीएपी सहित पीएंडके उर्वरक के 22 ग्रेड वाले उर्वरक उपलब्ध करा रहा है.
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