
किसानों को हर साल अच्छे बीज, खाद और कीटनाशकों (Pesticides) की समस्या से जूझना पड़ता है. लेकिन सरकारें कागजी बातों से बाहर नहीं निकलतीं. खाद के अभूतपूर्व संकट को हम देख ही रहे हैं. आए दिन नकली कीटनाशकों की खबर सामने आती ही रहती है. यही हाल सीड का भी है. इस बीच महंगे एवं नकली बीज की समस्या से जूझ रहे हरियाणा के किसानों के लिए राहत की खबर है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों के लिए उत्तम बीज पोर्टल (Uttam beej Portal) की शुरुआत की है.
सीएम ने इसकी शुरुआत के बाद ट्वीट किया, “प्रदेश के किसान भाईयों को सहूलियत देने की दिशा में हमने एक और कदम उठाते हुए ‘उत्तम बीज पोर्टल’ की शुरूआत की है. इस पोर्टल का उद्देश्य किसानों को पारदर्शिता के साथ उत्तम बीज उपलब्ध करवाना है.” इससे प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होगा.
प्राइवेट बीज उत्पादक भी जुड़ेंगे
सीएम ने कहा कि इस पोर्टल से सरकारी एजेंसियां व प्राईवेट बीज उत्पादक (Seed Producer) भी जुड़ेंगे, जो पारदर्शी तरीके से किसानों को उत्तम बीज प्रदान करेंगे, जिससे किसानों की पैदावार में बढ़ोतरी होगी व उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. यह किसानों की आय दोगुनी (Farmers Income Doubling) करने में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
यहां कितना सीड तैयार होता है
हरियाणा में लगभग 30-35 लाख क्विंटल गेहूं (Wheat) व अन्य फसलों का प्रमाणित बीज (Certified Seed) तैयार किया जाता है, जिसको लेकर पिछले कई दशकों से किसान मांग कर रहे थे कि प्रमाणित बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया कि बीज की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए एक ऐसा बीज पोर्टल तैयार किया जाए जिससे किसानों को उत्तम क्वालिटी का बीज मिल सके.
उत्तम बीज पोर्टल के शुरुआत कार्यक्रम में कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव उमाशंकर, कृषि विभाग के महानिदेशक डॉ. हरदीप सिंह, हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक संजीव वर्मा व विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
सरकार ने की थी समीक्षा
हरियाणा में खासतौर पर गेहूं, जौ, दलहनी एवं तिलहनी फसलों का उत्पादन होता है. पिछले दिनों सरकार ने बीज उपलब्धता पर समीक्षा बैठक करके कहा था कि इस बार सरसों उत्पादन (Mustard Production) पर जोर दिया जाएगा. क्योंकि किसानों को पिछले साल अच्छा रेट मिला है. कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा के मुताबिक प्रदेश में 21.99 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है जबकि 17.64 लाख क्विंटल की ही मांग है.
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