
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को हाल ही में हुई बेमौसमी बारिश व जलभराव से खराब हुई फसलों की रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं. ताकि गिरदावरी करवा कर पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जा सके. डिप्टी सीएम के पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का प्रभार भी है. उन्होंने यह बात आज अपने सरकारी आवास पर जन शिकायतें सुनने के बाद कही.
चौटाला से फतेहाबाद जिले के गांव भीमेवाला के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलने आया हुआ था. उन लोगों ने बताया कि गांव में चौव्वा ऊपर आया हुआ है. जिसके कारण हल्की-सी बारिश में भी पानी भर जाता है और फसलों में नुकसान हो रहा है. स्कूल, जलघर आदि सरकारी भवनों के अलावा ग्रामीणों के घरों में भी दरारें आ गई हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा में 30 सितंबर को सामान्य से 231 फीसदी अधिक बारिश (Rain) हुई है. यह अतिवृष्टि की श्रेणी में आती है. जबकि एक जून से 30 सितंबर तक की बात करें तो यहां 30 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है.
…ताकि फसलें खराब न हों
चौटाला ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव के आबादी देह तथा खेतों की फसलों में ठहरे हुए पानी को तत्काल निकालने का प्रबंध करें, ताकि फसलें खराब न हों. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र की गिरदावरी करवा कर मुआवजा देने की रिपोर्ट तैयार करें. उन्होंने अधिकारियों को पिछले साल खराब हुई फसल का मुआवजा भी वितरित करने के निर्देश दिए.
बागवानी फसलों के नुकसान की भी क्षतिपूर्ति होगी
जहां भी 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है वहां सर्वे जल्दी होगा. चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बागवानी (Horticulture) व दलहनी जैसी उन फसलों के नुकसान की भी क्षतिपूर्ति की जाएगी जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कवर नहीं होती हैं. वर्तमान में दलहन व कपास (Cotton) की फसल में ज्यादा नुकसान होने की संभावना है. जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद स्पेशल गिरदावरी करवाई जाएगी. उधर, इस वर्ष फसलों के नुकसान (Crop Loss) की जो नियमित गिरदावरी हुई थी उसकी भी रिपोर्ट आ गई है.
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