
क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों की बात होती है, तो सर गारफील्ड सोबर्स, इमरान खान, कपिल देव, इयान बॉथम, रिचर्ड हैडली जैसे कई दिग्गजों का नाम अक्सर हर किसी की जुबान पर आता है. जाहिर तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इनका प्रदर्शन, योगदान और रिकॉर्ड इसकी वजह हैं. इन खिलाड़ियों ने अपने देश के लिए कई सालों तक निरंतर शानदार प्रदर्शन किया और शीर्ष स्तर पर अपना क्रिकेट खेला. लेकिन कुछ ऑलराउंडर ऐसे भी रहे, जिन्हें कई अलग-अलग वजहों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मौके नहीं मिले और जब मिले भी तो वह बड़े स्टेज पर खुद को उस तरह साबित नहीं कर पाए, जिस तरह उन्होंने घरेलू स्तर पर अपने प्रदर्शन से सबको चौंकाया. इन्हीं में से एक थे इंग्लैंड के पूर्व लेग स्पिन-ऑलराउंडर पीटर स्मिथ (Peter Smith).
आज पीटर स्मिथ की जयंती है. उनका जन्म 30 अक्टूबर 1908 को इंग्लैंड के इप्सविच में हुआ था. स्मिथ ने इंग्लैंड काउंटी सर्किट में अपनी घरेलू टीम एसेक्स के लिए ही पूरे जीवन क्रिकेट खेला. स्मिथ ने इस काउंटी के लिए 1929 में अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. अपनी लेग-ब्रेक और गुगली के घातक मिश्रण से स्मिथ बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द साबित हो थे. साथ में सधी हुई लाइन-लेंथ रन बनाने में मुश्किलें पैदा करती थीं. साथ ही निचले क्रम में वह बल्ले से भी अहम योगदान देते थे और कई मैच जिताऊ-मैच बचाऊ पारियां खेलते थे. उनके इसी प्रदर्शन का नतीजा था कि 1947 सीजन में स्मिथ ने 1063 रन बनाए और साथ ही 172 विकेट भी अपने नाम किए.
झूठी खबर-घटिया मजाक और 13 साल का इंतजार
घरेलू क्रिकेट में शुरू से ही पीटर स्मिथ का जलवा रहा, लेकिन इसके बावजूद उन्हें टेस्ट टीम में जगह के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. इसी इंतजार के दौरान उनके साथ एक क्रूर वाकया भी हुआ. 1933 में वेस्टइंडीज के खिलाफ लंदन के द ओवल मैदान में टेस्ट मैच खेला जाना था. इसी मुकाबले के लिए स्मिथ पहली बार इंग्लिश टीम का हिस्सा बनने के लिए ओवल भी पहुंच गए.
उनका टेस्ट डेब्यू का सपना पूरा होने वाला था. जब वह ओवल पहुंचे, तो उनको अपने साथ हुए घटिया और दर्दनाक मजाक का पता चला. असल में टेस्ट टीम में शामिल होने के लिए जो टेलीग्राम उन तक पहुंचा था, वह फर्जी था और किसी ने उन्हें झूठी खबर दी थी.
हालांकि, उनका टेस्ट डेब्यू का सपना पूरा हुआ, लेकिन उसके लिए उन्हें 13 साल का और लंबा इंतजार करना पड़ा. 1946 में इंग्लैंड दौरे पर आई भारतीय टीम के खिलाफ ओवल मैदान में ही स्मिथ ने अपना टेस्ट डेब्यू किया, लेकिन उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, क्योंकि दोनों टीमें सिर्फ 1-1 पारी खेल सकीं. स्मिथ को 21 ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 58 रन दिए और 1 विकेट हासिल किया.
11वें नंबर पर सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड
सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं, बल्कि स्मिथ बल्लेबाजी में भी बेहद उपयोगी साबित होते थे. इसका गवाह उनके द्वारा बनाए गए 10 हजार से ज्यादा फर्स्ट क्लास रन और 8 शतक हैं. इन्हीं 8 शतकों में से एक ऐसा भी था, जिससे उन्होंने रिकॉर्ड बनाया जो आज भी कायम है. 1947 में डर्बीशर के खिलाफ काउंटी मुकाबले में स्मिथ ने 11वें नंबर पर उतरकर 163 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी, जो आज भी इस नंबर के बल्लेबाज का विश्व रिकॉर्ड है.
10 हजार रन, डेढ़ हजार से ज्यादा विकेट
हालांकि, स्मिथ अपने घरेलू प्रदर्शन को टेस्ट स्तर पर नहीं दोहरा सके और सिर्फ 4 टेस्ट के साथ उनका करियर खत्म हो गया. 38 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले स्मिथ ने 4 टेस्ट में 33 रन बनाए और सिर्फ 3 विकेट लिए. हालांकि, उनका फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड बेहद शानदार है और एसेक्स के महान खिलाड़ियों में उनकी जगह है. उन्होंने 1929 से 1951 तक अपने करियर में 465 मैच खेले, जिसमें 8 शतक- 32 अर्धशतकों की मदद से 10142 रन बनाए. वहीं 26.55 के औसत से उन्होंने 1697 विकेट अपने नाम किए, जिसें 122 बार पारी में पांच विकेट झटके थे. 4 अगस्त 1967 को उनका फ्रांस में निधन हो गया था.
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