
पंजाब के किसान कपास की फसल पर कीटों के हमले से परेशान हैं. कीटों के प्रकोप से उनकी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. अब राज्य सरकार ने बीज की गुणवत्ता की जांच करने के आदेश दिए हैं. किसानों की फसल को कम से कम नुकसान हो इसके लिए मुफ्त में स्प्रे देने की भी घोषणा हुई है.
बुधवार को पंजाब सरकार ने राज्य के मालवा क्षेत्र में कपास की फसल पर पिंक बॉलवर्म के हमले के बाद खेती के लिए वितरित किए गए बीज की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए. डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किसान मजदूर संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद जांच के आदेश दिए.
मुफ्त में मुहैया कराई जाएगी स्प्रे
एक सरकारी बयान में कहा गया कि बुधवार को राज्य के कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा की मौजूदगी में बैठक में किसानों के कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. रंधावा ने आगे कहा कि संपत्तियों की कुर्की और जुर्माना लगाने के साथ दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाएगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि कपास की फसल को और नुकसान से बचाने के लिए राज्य सरकार मुफ्त स्प्रे मुहैया कराएगी. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उपमुख्यमंत्री रंधावा कीटों के हमले से कपास को हुए नुकसान का जायजा लेने बठिंडा गए थे.
कीटों का हमला कपास की बीटी किस्मों पर हुआ है, देसी कपास अभी सुरक्षित है. इस हमले का कारण पिछले सीजन का कपास का डंठल है, जिसे किसान अपने घरों, ट्यूबवेल रूम या खेतों के पास आदि में ईंधन के स्रोत के रूप में रखते हैं. इन डंठल को कपास की तुड़ाई के बाद खेतों से उठाया जाता है. अब भी पिछले साल के कपास के डंठल का स्टॉक पूरी तरह से नहीं किए गए हैं जबकि नई फसल बाजार में आने लगी है.
पंजाब में बढ़ा है कपास का रकबा
पिछले साल के डंठल कभी-कभी इन गुलाबी सुंडी कीटों के प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करते हैं और इसलिए वे खेतों में फसल पर हमला करते हैं. इस बार कई इलाकों में ऐसा हुआ है. एक बार जब कीट फसल पर हमला करना शुरू कर देते है, तो कीटनाशकों द्वारा प्रारंभिक नियंत्रण आवश्यक होता है क्योंकि बाद में यह बेकाबू हो जाता है.
पंजाब में कपास बुआई के आंकड़ो के मुताबिक पिछले साल राज्य में 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई थी. जबकि इस साल यह क्षेत्र बढ़कर 2.5 लाख हेक्टेयर हो गया था. बठिंडा में कपास का रकबा 96,000 हेक्टेयर और मनसा में 65,000 हेक्टेयर है.
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