
आज फिक्र की शुरुआत अफगानिस्तान को लेकर बदलते विश्व आर्डर से कल काबुल में तालिबान ने एक सरकारी समारोह रखा है.. और जश्न मनाने की तैयारी की है. लेकिन अगर आप गौर करें तो ये तारीख वही है. जिस दिन अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में ट्विन टॉवर पर हमला हुआ था. अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध की शुरुआत हुई थी. अगर अफगानिस्तान में बीस साल तक अमेरिका के बहाए खून पसीने का हिसाब लगाएं तो दुनिया के एक सुपरपावर मुल्क के लिए. इस तरह जले पर नमक छिड़कना बर्दाश्त नहीं हो सकता है. लेकिन कल जो दो तस्वीरें दिखेंगी.वो पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी हैं.
अमेरिका जब मातम मना रहा होगा तब तालिबान जश्न मना रहा होगा. 11 सितंबर को अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के आतंकियों ने जब ट्विन टॉवर पर हमला किया था तो उसकी तस्वीरें देखकर दुनिया दहल गई थी. इसके बाद अमेरिका ने जब अफगानिस्तान में धावा बोला तो सबसे पहले इसी तालिबान को सत्ता से खदेड़ दिया था जो ओसामा के आतंकियों को पनाह देता था. तालिबान के वो ही चेहरे और अमेरिका के वो ही मोस्ट वांटेड आतंकी दो दशक बाद कल के समारोह में नजर आएंगे.
मॉस्को से डरा देनी वाली खबर आई सामने
यानी ये एक तरह से एक चैप्टर का पूरा हो जाना कहा जा सकता है. लेकिन अब पूरी दुनिया की फिक्र की शुरुआत हो रही है.इस बीच एक खबर मॉस्को से आई है. जो तालिबान के लिए बहुत बड़ा झटका है.. अफगानिस्तान में तालिबान की ताजपोशी में रूस शामिल नहीं होगा. रूस किसी भी तरह से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लेगा. ये वाकई रूस के बदले हुए रुख का संकेत हैं. लेकिन पंजशीर से आ रहे संकेत डराने वाले हैं.पंजशीर में तालिबान विद्रोह को कुचलने के लिए क्रूरता की हद पार कर रहा है.
तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह सालेह की बेरहमी से हत्या कर दी है. रोहुल्लाह सालेह को पंजशीर घाटी में ही मौत के घाट उतार दिया गया है. तालिबानियों ने रोहुल्लाह को पहले कोड़ों और बिजली के तार से पीटा, उसके बाद गला काट दिया. बाद में तड़पते सालेह पर दनादन गोलियां बरसाई गई. आप जो तस्वीर देख रहे हैं वो अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह सालेह की ही है.
क्या तालिबान..अमेरिका को 9/11 के नाम पर चिढ़ा रहा
आपको बता दें तब अफगानिस्तान ही अलकायदा का सुरक्षित पनाहगार था उसे तालिबान के संस्थापक और तत्कालीन मुखिया मुल्ला उमर का पूरा समर्थन हासिल था.इसीलिए 9/11 हमलों का बदला लेने के लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई की.तालिबानी सरकार को उखाड़ फेंका अलकायदा समेत कई आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया.इन तस्वीरों के बीच दुनिया की नजर कल की तारीख पर है.जब अमेरिका 9/11 आतंकी हमले का मातम मना रहा होगा, और तालिबान अपनी सरकार बनाने का जश्न मना रहा होगा.
क्या तालिबान..अमेरिका को 9/11 के नाम पर चिढ़ा रहा है? आखिर 11 सितंबर को अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का समारोह कयों?दरअसल रूसी मीडिया रिया नोवोस्ती की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबानी 11 सितंबर के दिन अपनी नई सरकार का उद्घाटन करने जा रहे हैं. रसिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबानी नेता अमेरिका को परेशान करने के लिए ऐसा जानबूझकर कर रहे हैं.
सूत्र बताते हैं कि चीन, पाकिस्तान और रूस के राजदूत इस समारोह में शामिल हो सकते हैं. आपको बता दें कि तालिबान ने तीन दिन पहले 7 सितंबर को अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया था जिसमें वैश्विक आतंकी मुल्ला हसन अखुंद को इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया और अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान सरकार में गृहमंत्री बनाया गया जिसके बाद से अमेरिका तालिबान के खिलाफ तिलमिलाया हुआ है और कल 9/11 की बीसवीं बरसी वाले दिन..जब अमेरिका मातम मना रहा होगा.
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