
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में डकैती के मामले में गिरफ्तार 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत से गुस्साए आदिवासियों की भीड़ ने मंगलवार को एक थाने पर कथित तौर पर पथराव कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. मामले में चार पुलिसकर्मियों और एक जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मिश्रा ने कहा, ‘‘खरगोन जिले के बिस्टान में पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक आदिवासी व्यक्ति की मौत के मामले में दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.’’
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए जिला जेल अधीक्षक के साथ एक उप निरीक्षक, एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि डकैती के मामले में गिरफ्तार 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद मंगलवार सुबह खरगोन जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित बिस्टान पुलिस थाने पर आदिवासियों की भीड़ द्वारा पथराव में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. घटना के बाद थाना परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
घटना के बाद मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि बिसन नाम के इस व्यक्ति को तीन दिन पहले पुलिस ने 11 अन्य लोगों के साथ खेरकुंडी गांव में लूट और डकैती के मामले में गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि मंगलवार तड़के बिसन की खरगोन उप जेल में मौत हो गई. सिंह ने बताया कि उसकी मौत के बाद बिस्टान थाने के आसपास 100 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और थाने का घेराव कर पुलिस पर पथराव किया गया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
‘पुलिस प्रताड़ना के कारण इस शख्स की मौत हुई’
सिंह ने बताया कि आदिवासी लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रताड़ना के कारण इस शख्स की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि हालांकि, पृथम दृष्टया ऐसा नहीं लग रहा है क्योंकि उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं देखे गए. अधिकारी ने कहा कि मौत का कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पता चलेगा और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.
इसी बीच, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस जीप को भी पलट दिया और पुलिस परिसर में खड़े अन्य वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इस बीच, सोशल मीडिया पर यह दावा करते हुए तस्वीरों को साझा किया गया कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं. उधर, पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई थी.
(भाषा की रिपोर्ट)