
असम के दरांग और सोनितपुर जिलों में स्थिति ओरंग राष्ट्रीय उद्यान (ओएनपी) कोविड-19 महामारी एवं मानसून के चलते कई महीनों तक बंद रहने के बाद बृहस्पतिवार को खुलेगा. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. ओएनपी के संभागीय वन अधिकारी प्रदीप्त बरूआ ने एक नोटिस में कहा कि आंगुतकों के लिए सभी कोविड-19 नियमों एवं सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होगा.
उन्होंने कहा कि उद्यान में सफारी मार्ग का महज थोड़ा हिस्सा पर्यटकों के लिए खोला जाएगा क्योंकि हाल की बाढ़ के चलते सड़कों की दशा खराब है. उन्होंने कहा, ‘मार्ग का बाकी हिस्सा सड़कों की मरम्मत के बाद खोला जाएगा और इसे बाद में अधिसूचित किया जाएगा.’ यह उद्यान तेजपुर से 32 किलोमीटर की दूरी पर तथा गुवाहाटी से 140 किलोमीटर की दूरी पर है. यह रॉयल बंगाल टाईगर, भारतीय गैंडों एवं जंगली हाथियों के लिए जाना जाता है. मानसून के दौरान असम में सारे वन्यजीव उद्यान एवं अभयारण्य बंद कर दिये जाते हैं. इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण निर्धारित समय से पहले ही उन्हें बंद कर दिया गया.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) को शुरू में आंशिक रूप से खोला जाएगा, जिसमें 1 अक्टूबर से केवल तीन रेंज तक पहुंच होगी. केएनपी अपने एक सींग वाले गैंडों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. कहा गया है कि देश और विदेश से उत्तर पूर्व के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों को फिलहाल केवल जीप सफारी की अनुमति होगी, लेकिन हाथी की सवारी नहीं करवाई जाएगी.
कोविड-19 प्रोटोकॉल का रखा जाएगा विशेष ध्यान
ओएनपी के संभागीय वन अधिकारी प्रदीप्त बरुआ ने एक नोटिस में कहा कि प्रसिद्ध ओरंग राष्ट्रीय उद्यान (ओएनपी) 2021-22 के पर्यटन सीजन के लिए गुरुवार से 30 सितंबर से फिर से खुल जाएगा. उन्होंने कहा, ‘पर्यटन मार्ग के शेष हिस्से को सड़कों की मरम्मत के बाद ही खोला जाएगा और आने वाले समय में अधिसूचित किया जाएगा.’ मानस नेशनल पार्क के रेंजर बाबुल ब्रह्मा ने बताया कि पार्क 1 अक्टूबर से आगंतुकों के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए खोला जाएगा. 1 सितंबर को असम कैबिनेट ने राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क से पूर्व प्रधान मंत्री का नाम हटाने और ओरंग नेशनल पार्क के पुराने नाम को वापस करने का फैसला किया गया.
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