
रोजी रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश काम करने गए नवादा (Nawada) जिले के 18 लोग डायरिया (Diarrhea) से पीड़ित हो गए. जिसके बाद तीन लोगों की मौत (Death of three people) हो गई. मरने वालों में एक दंपति भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि ये मजदूर नवादा के पकरीबरावां प्रंखड से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में ईंट-भट्ठे पर काम करने गए थे. जिसके बाद यहां 18 मजदूर डायरिया से संक्रमित हो गए. जिसमें एक दंपति सहित तीन की मौत हो गई.
यहां प्रखंड मुख्यालय के केशौरी गांव के महादलित परिवार की कई दर्जन महिला पुरुष रोजगार की तलाश को लेकर उत्तर प्रदेश के ईंट-भट्टे पर मजदूरी करने गए थे. काम करने के दौरान ही वहां इस महामारी ने 18 लोगों को अपने चपेट में लिया. जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें बाराबंकी के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के दौरान ही गांव के मथुरा मांझी के पुत्र गणेश मांझी और उनके बेटे की पत्नी उर्मिला देवी और इरावटी मांझी की 32 वर्षीय पत्नी ललती देवी की मौत हो गई. गांव में तीनों की मौत की खबर के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है. तो वहीं इस घटना के बाद गांव में सन्नाटा भी पसर गया है. शव को मंगलवार को गांव लाया गया.
अधिकारियों ने सरकारी मदद का दिया आश्वासन
शव के पहुंचते ही गांव में भीड़ उमड़ पड़ी. घटना के बारे में सूचना मिलने के बाद पकरीबरावां प्रखंड विकास पदाधिकारी नीरज कुमार और अंचल अधिकारी नरेंद्र कुमार भी गांव पहुंचे. यहां उन्होंने पीड़ित परिवार का ढाढस बढ़ाया और दूसरे आए लोगों का हालचाल जाना. साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से कबीर अंत्येष्टि के तहत मिलने वाली राशि दी.
दोनों प्रखंड पदाधिकारियों ने पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता भी देने की बात कही. साथ ही कहा कि सरकारी स्तर पर मिलने वाली सहायता राशि के लिए वरीय पदाधिकारियों को लिखा जा रहा है. घटना के बाद महादलित टोले में मातम छा गया है. कई परिवार जिनके परिजन ईंट भट्टे पर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश गए हुए हैं, वैसे परिवार के लोगों में भी दहशत व्याप्त है.
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