
हरियाणा के किसान संघ के नेताओं ने शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज में शामिल करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा अन्य मांगों को सूचीबद्ध करने की मांग की है.
किसान नेताओं ने हरियाणा सरकार को उनकी मांगों को मानने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. उन्होंने किसान सुशील काजल के परिजनों के लिए 25 लाख मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है. किसान नेताओं का आरोप है कि लाठीचार्ज में लगी चोटों के कारण उनकी मृत्यु हो गई. इसके साथ ही किसान नेताओं ने मांग की है कि सभी घायलों को 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता और मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध कराया जाए.
करनाल के घरौंदा अनाज मंडी में बुलाई गई महापंचायत में सोमवार को यह मांग रखी गई. इसके साथ ही किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे सात सितंबर को करनाल के लघु सचिवालय का घेराव करेंगे.
‘हरियाणा के किसानों की रक्षा करें’
सभा को संबोधित करते हुए, हरियाणा बीकेयू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं से सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ उनके विरोध के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हरियाणा के किसानों की मदद और समर्थन करने की भावनात्मक अपील की.
उन्होंने कहा कि जब हरियाणा के किसान डंडों और पुलिस मामलों का डटकर मुकाबला कर रहे थे, SKM ने उनकी मदद के लिए एक कदम भी नहीं बढ़ाया. उन्होंने कहा, “हम अब किसान-पुलिस की झड़पों से तंग आ चुके हैं. एसकेएम को अपना रुख हमेशा के लिए स्पष्ट करना चाहिए; हम अपना ख्याल रख सकते हैं”.
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