
मालाबार का 25वां संस्करण 26-29 अगस्त को फिलीपींस सागर में आयोजित करने की योजना है. अभ्यास का प्राथमिक उद्देश्य भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच क्रियाशीलता बढ़ाना, समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए सामान्य समझ और एसओपी विकसित करना है. साथ ही इस दौरान समुद्री क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए नौसेनाओं को एक टीम के रूप में काम करने के लिए योजना बनाई जाएगी.
मालाबार-21 समुद्री युद्ध के सभी तीन क्षेत्रों को शामिल करते हुए जटिल अभ्यासों का गवाह बनेगा, जिनमें लाइव हथियार फायरिंग, एंटी-सरफेस, एंटी-एयर और एंटी-पनडुब्बी युद्ध अभ्यास, संयुक्त युद्धाभ्यास और सामरिक अभ्यास और विशेष बलों की बातचीत शामिल है.
समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के लिए लाभ का अवसर
मालाबार-21 समान विचारधारा वाली नौसेनाओं को एक-दूसरे के अनुभवों से पारस्परिक लाभ प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा. इस तरह के अभ्यासों के परिणामस्वरूप वर्षों में हासिल की गई अंतर-संचालन क्षमता क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक समृद्धि के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए परिचालन रूप से फायदेमंद साबित हुई है.
भारतीय नौसेना बड़ी संख्या में नौसेनाओं और समुद्री एजेंसियों के साथ बहुआयामी सहयोग (Multidimensional Cooperation)करती है. इन अभ्यासों और तैनाती के माध्यम से, नौसेना ने अंतर्संचालनीयता बढ़ाने, कौशल-सेट में सुधार करने और ‘सर्वोत्तम प्रथाओं’ का आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया में घरेलू जल से अपने पदचिह्न बढ़ाए हैं.
भारत और कजाकिस्तान सेनाएं भी करेंगी सैन्याभ्यास
इसके साथ ही भारत और कजाकिस्तान की सेनाएं 30 अगस्त से 13 दिनों का सैन्याभ्यास करेंगी जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर विशेष जोर दिया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि ‘कजइंड-21’ अभ्यास ट्रेनिंग नोड, आइशा बीबी, कजाकिस्तान में 30 अगस्त से 11 सितम्बर के बीच आयोजित किया जाएगा.
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