
अगर आतंक की विजय हो तो ये हर देश की फिक्र बनती है, लेकिन अफगानिस्तान के इस संक्रमण काल में अमेरिकी राष्ट्रपति की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे पूरे अमेरिका का गुस्सा भड़क उठा है. आपको आज हम बताएंगे कि अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरों ने बाइडेन को कितना कमजोर कर दिया है. एक तस्वीर अफगानिस्तान के नेशनल ताइक्वांडो चैंपियन मोहम्मद जन सुल्तानी की है. 25 साल के सुल्तानी 26 अगस्त को चैंपियनशिप की सर्टिफिकेट हाथों में लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंचे. ताकि उन्हें और उनके एयरपोर्ट के अंदर जाने में सहूलियत हो और वो सुरक्षित अफगानिस्तान से निकल जाएं, लेकिन तभी हुए आत्मघाती धमाके में मोहम्मद जन सुल्तानी की जान चली गई, जिसके बाद उनकी पत्नी, 4 साल का बेटा और दो साल की बेटी सदमे में हैं.
इसी तरह 30 अगस्त को जब अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट के पास ISIS-K के आतंकियों की कार को टारगेट कर ड्रोन स्ट्राइक किया तो उसमें भी कई बेगुनाहों का खून बहा. ड्रोन हमले में आतंकियों के अलावा 9 अफगानी नागिरकों की जान चली गई. अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी ड्रोन स्ट्राइक में एक ही परिवार के नौ सदस्य मारे गए. जिनमें 6 बच्चे हैं.
यहां अमेरिका का दावा है कि उसने इनपुट के आधार पर इस्लामिक स्टेट खुरासान के आतंकियों के मंसूबों को ध्वस्त किया है क्योंकि आत्मघाती आतंकियों की गाड़ी को अगर नहीं उड़ाया जात,. तो रविवार शाम काबुल एयरपोर्ट के पास तीन दिन बाद फिर दूसरा बड़ा हादसा हो जाता. इसीलिए काबुल में ड्रोन स्ट्राइक के बाद अमेरिका ने कहा कि वो काबुल में असैन्य नागरिकों के हताहत होने की खबरों से वाकिफ है और इसकी जांच की जा रही है.
लेकिन, अफगान संकट का समाधान करने में जिस तरह से अमेरिका सुपर फ्लॉप रहा है और काबुल से लास्ट एग्जिट में भी उसकी नाकामयाबी दिख रही है. उसको लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब तो ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका अपनी नाक बचाने के लिए आम अवाम की जान से खिलवाड़ कर रहा है? अफगानिस्तान से बार-बार ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जो सुपरपावर की कलई खोल रही हैं, लेकिन आज एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर पूरा अमेरिका पानी-पानी हो गया है.
तालिबानियों के लिए महज एक खिलौना बना अमेरिकी हेलीकॉप्टर
अफगानिस्तान में सुपर पावर की दुर्दशा की एक तस्वीर है. जिस एयर पावर के दम पर अमेरिका पूरी दुनिया में राज करता था आज उसके छोड़े हुए हेलीकॉप्टर को तालिबानी कुछ इस अंदाज में सड़क पर दौड़ा रहे हैं. हेलीकॉप्टर को सड़क पर जीप से बांधकर खींच रहे हैं. जिस अमेरिकी हेलीकॉप्टर के लिए कई देश की सेना तरसती है. वो तालिबानियों के लिए महज खिलौना है और जाहिर तौर पर इस खेल के लिए जो बाइडेन जिम्मेदार हैं.
दो दशक के दौरान दुनिया ने आतंक के कई खौफनाक चेहरे देखे हैं, लेकिन काबुल में हुए धमाकों से पूरी दुनिया में गम और गुस्सा है. खासतौर से पूरा अमेरिका उबल रहा है. जिस तरह से अमेरिका अफगानिस्तान से बाहर निकला. जिस तरह काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके में 13 अमेरिकी कमांडो मारे गए और जो बाइडेन ने फैसले लिए, आम अमेरिकी नागरिक को लग रहा है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद की जीत हुई है. इसी वजह से बाइडेन की लोकप्रियता तेजी से गिरी है.
एक नेशनल ओपिनियन पोल में सिर्फ 46 फीसदी अमेरिकी बाइडेन के काम से संतुष्ट हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग में 7 फीसदी की गिरावट आई है. प्रेसिडेंट जो बाइडेन अपने ही देश में जनवरी के बाद लोकप्रियता में सबसे नीचे पहुंच गए हैं. अफगानिस्तान संकट की वजह से जो बाइडेन की साख पर संकट आ गया है, लेकिन ये संकट क्यों आया है इसे समझिए.
अमेरिका में एक तस्वीर को लेकर लोगों में नाराजगी
अमेरिकी राष्ट्रपति की नई तस्वीर सामने आने के बाद पूरे अमेरिका में उनको लेकर नाराजगी है. इसलिए आपको आज हम बताएंगे कि इस तस्वीर ने बाइडेन और अमेरिका को क्यों कमजोर बना दिया है. हम इस तस्वीर को डिकोड करेंगे. आज हम आपको अमेरिका के जो 13 सैनिक मारे गये हैं उनमें से कुछ के परिवार वालों की नाराजगी सुनाएंगे लेकिन पहले इस तस्वीर को समझिए. डोवर एयरफोर्स बेस पर रिकॉर्ड हुआ प्रेसिडेंट बाइडेन का ये वीडियो अमेरिकियों के गुस्से की वजह बन गया है. चंद सेकेंड के इस वीडियो पर अमेरिकी उबल रहे हैं. और इसकी वजह ही कुछ ऐसी है. ये वो वक्त था जब अमेरिकी झंडे में लिपटे 13 अमेरिकी मरीन कमांडो को आखिरी विदाई दी जा रही थी. काबुल से लाए गए पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान देने की रस्में चल रही थी. गम की इस घड़ी में भी प्रेसिडेंट बाइडेन बेचैन थे. उनकी नजर घड़ी पर थी. उन्हें फिक्र खुद की थी और ऐसा लग रहा था जैसे जबरन प्रेसिडेंट बाइडेन रस्म अदायगी की औपचारिकता निभाने पहुंचे हैं.
एक तरफ बाइडेन का दायां हाथ दिल पर है. सिर झुका हुआ है. सब मौन हैं. मातमी धुन बज रहा है, लेकिन जैसे ही सबका सिर उठा सबसे पहले बाइडेन की नजर अपनी कलाई घड़ी पर गई. मानो उन्हें वक्त की फिक्र सता रही थी. यकीन नहीं होता, जिस तस्वीर को पूरा अमेरिका नम आंखों से देख रहा था. जिस तस्वीर को देखकर वहां मौजूद शहीद फौजियों के परिवार वाले भावुक हो रहे थे. रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और तमाम बड़े अफसर गमजदा थे. ये दुख की घड़ी थी, लेकिन बाइडेन को अपनी घड़ी की पड़ी थी.
अब तो अमेरिकी वॉर वेटरन तक पूछ रहे हैं कि क्या बाइडेन को इससे भी जरूरी कोई काम था. क्या प्रेसिडेंट के लिए इससे भी अहम कोई कार्यक्रम था. जिन जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया उनके सम्मान में बाइडेन कुछ वक्त तक देने को तैयार नहीं थे. इस तस्वीर को देखकर एक बार फिर अमेरिकी हैरान है. अफसोस में है. उन्हें लगता है कि देश की सुरक्षा और इज्जत मिट्टी में मिल गई है. महज सात महीने पहले राष्ट्रपति बने बाइडेन लोकप्रियता के शिखर पर थे, लेकिन आज वक्त पलट गया है. तालिबान में अमेरिका की किरकिरी और अमेरिकी सैनिकों की मौत ने अमेरिका को अंदर से दहला दिया है. बाइडेन के खिलाफ भारी गुस्सा दिख रहा है. सबसे ज्यादा गुस्सा वॉर वेटरन और फौजियों के परिवारों में है.
शहीद जवान की मां ने बाइडेन को बताया बेकार
डोवर एयरफोर्स बेस पर तो शहीद की मां ने प्रेसिडेंट बाइडेन को भी नहीं बख्शा. उन्हें खरी खोटी सुना दी. एक शहीद की मां ने बाइडेन को बेकार, भूलने की बीमारी से ग्रस्त बकवास का टुकड़ा तक कहा. एक शहीद सैनिक की मां का गुस्सा उस वक्त निकला था जब एयरफोर्स बेस पहुंचने से पहले फर्स्ट फैमिली ने मारे गए तमाम सैनिकों के परिवारों से अकेले में मुलाकात की थी और उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे थे. एयरबेस पर मौजूद 11 सैनिकों के परिवारों में इतना गुस्सा था कि उन्होंने मीडिया को शव देखने की मंजूरी तो दी, लेकिन फोटो तक नहीं लेने दिए. वहीं 2 परिवार ऐसे थे जिन्होंने मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा.
अब आपको बताते हैं कि अमेरिकी लोगों का गुस्सा बाइडेन पर कैसे फूट रहा है. काबुल आत्मघाती हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिक करीम निकोउई के पिता स्टीव निकोउई का कहना है कि मैं तो अपने ही नेताओं को दोष दूंगा. राष्ट्रपति बाइडन ही इसके लिए जवाबदेह हैं. काबुल आत्मघाती हमले में मारे गए एक और कमांडों के पिता ने कहा कि अगर बेटा दुश्मन से लड़ते हुए मारा जाता तो गर्व होता, लेकिन वहां तो अमेरिकी सैन्य अधिकारियों की लापरवाही से हमला हो गया. अमेरिका सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल स्टुअर्ट शेलर ने तो एक फेसबुक पोस्ट के जरिए प्रेसिडेंट बाइडेन पर निशाना साधा. .उन्होंने अपने वीडियो में अमेरिका के लीडरशिप को लताड़ा. लेफ्टिनेंट कर्नल स्टुअर्ट शेलर को इस बयान की कीमत चुकानी पड़ी है. शेलर को सेना से बाहर कर दिया गया है, लेकिन एक बात तो तय है कि राष्ट्रपति बाइडेन के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया है और इस आक्रोश के लिए खुद बाइडेन जिम्मेदार हैं.
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