
दिल्ली पुलिस ने मध्य दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित अफगानिस्तान के दूतावास के बाहर सोमवार को सुरक्षा कड़ी कर दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई अफगान नागरिक दूतावास आए थे और उसके बाहर कुछ मीडियाकर्मी भी एकत्र हो गए थे. उन्होंने बताया, “उन्हें नियंत्रित करने और स्थिति सामान्य रखने के लिए दूतावास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई . हालांकि, हमारे पास किसी तरह के खतरे की कोई गुप्त सूचना नहीं है.”
पत्रकारों से बात करते हुए, अफगान नागरिक फरहान ने कहा, ‘मैं यहां अपने पासपोर्ट का नवीकरण कराने आया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अफगानिस्तान में स्थिति बहुत खराब है. मेरा परिवार और रिश्तेदार वहां हैं और मुझे उनकी चिंता है. तालिबान ने मेरे पिता की हत्या कर दी थी.”
कई अफगानी नागरिक दिल्ली पहुंचे
एक अन्य अफगान नागरिक ने कहा कि उनका परिवार काबुल में रहता है और देश के तालिबान के कब्जे में जाने के बाद से वे सभी चिंतित हैं. दिल्ली के चाणक्यपुरी अफगानी दूतावास (Afghanistan Embassy) में अपनी परेशानियों लेकर कई अफगानी नागरिक पहुंच रहे हैं. लेकिन उन्हें यहां से कोई मदद नहीं मिल पा रही है. अफगानी नागरिकों को उनके देश में रह रहे अपनों से कोई संपर्क न होने के बाद चिंता सता रहे हैं. वे हर हाल में जानने को बेसब्र हैं कि आखिर वे महफूज हैं या नहीं. बदलते हालात को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने यहां सुरक्षा कड़ी कर दूतावास के बाहर की सड़क को भी बंद कर दिया है.
अफगानी नागरिक फरहाद फरहाद दिल्ली के वजीरपुर इलाके में रहते हैं. इनका पूरा परिवार हेरात में है. 6 दिन से सबके फोन बंद आ रहे हैं. किसी से बात नहीं हो पा रही है और न ही नई दिल्ली के अफगानिस्तान के दूतावास से भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. फरहाद के पिता को 2 साल पहले तालिबानियों ने गोली मार दी थी उनकी मौत हो गई थी.
अफगान दूतावास के बाहर खड़े दिव्यांग अला मोहम्मद पांच साल में भारत में रह रहे हैं. वो सोमवार को अफगानी दूतावास में पासपोर्ट रिन्यू कराने आये थे,जो नहीं हो पाया. इनका आधा परिवार अफगानिस्तान में है. उसे लेकर वो बेहद चिंता में हैं. अफगानिस्तान की एक्टिविस्ट अदीबा डेढ़ साल पहले भारत आई थी.
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