
भाकपा सांसद विनय विश्वम ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान की सराहना की जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को ‘आदर्श’ नेता बताया है. एक समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में गडकरी ने नेहरू और वाजपेयी को ‘आदर्श नेता’ बताया और कहा कि सभी राजनीतिक दलों को संसद में अपने आचरण को लेकर आत्ममंथन करना चाहिए.
विश्वम ने ट्वीट किया, ‘नेहरू और वाजपेयी पर गडकरी का बयान संजीदा लगता है और यह संघ परिवार की राजनीति से अलग है. मैं यह सुनने को लेकर उत्सुक हूं कि मोदी जी की इस राजनीतिक टिप्पणी को लेकर क्या प्रतिक्रिया होगी. संसद में हंगामे को लेकर अपने कैबिनेट सहयोगी के सभी पक्षों से आत्मनिरीक्षण के आह्वान पर वह चुप क्यों हैं?’
नितिन गडकरी ने नेहरू और वाजपेयी को बताया था आदर्श नेता
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने शुक्रवार सुबह देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जवाहर लाल नेहरू को आदर्श नेता बताते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी नेताओं को आत्ममंथन करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि नेताओं को आत्मनिरीक्षण के साथ सम्मान के साथ काम करने चाहिए. गडकरी ने कहा कि वाजपेयी और नेहरू हिंदुस्तान के दो आदर्शन नेता थे और दोनों कहते थे कि मैं अपने लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करूंगा (वाजपेयी और नेहरू). एक हिंदी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि दोनों कहते थे कि वे लोकतांत्रिक गरिमा के साथ काम करेंगे. उन्होंने कहा, ‘अटलजी की विरासत हमारी प्रेरणा है और पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी भारतीय लोकतंत्र में बड़ा योगदान था.’
BJP के वरिष्ठ नेता हाल ही में खत्म हुए मानसून सत्र के दौरान हुए गतिरोध के बारे में बात कर रहे थे. संसद के मानसून सत्र में कृषि कानूनों, ईंधन की कीमत, पेगासस के मुद्दे से संबंधित मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ और पूरा सत्र सही से नहीं चल सका. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रहने के दौरान के वक्त को याद करते हुए गडकरी ने कहा कि एक समय था जब सदन को बाधित करने के लिए प्रभारी का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि उन दिनों मैं एक बार अटल जी से मिला था. उन्होंने मुझसे कहा था कि लोकतंत्र में काम करने का यह कोई तरीका नहीं है. लोगों तक संदेश पहुंचाना जरूरी है.
ये भी पढ़ें: