
झारखंड के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सोमवार को धनबाद जिला और सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में दो आरोपी को नार्को परीक्षण करने के लिए नई दिल्ली ले गया. नार्को टेस्ट व्यक्ति को बेहोशी की स्थिति में ला देता है. नार्को परीक्षण में एक दवा का इंजेक्शन शामिल होता है.
पुलिस अधिकारी ने कहा,मामले के दो आरोपी ऑटोरिक्शा चालक लखन वर्मा और उसका साथी राहुल वर्मा हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से राष्ट्रीय राजधानी जा रहे थे.4 अगस्त को जांच संभालने के बाद से, सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ में सभी तकनीकों का इस्तेमाल किया है और केवल नार्को परीक्षण बचा था. उच्च न्यायालय (HC) ने उनके नार्को परीक्षण की अनुमति दी थी.
फोरेंसिक साइकोलिजिकल टेस्ट भी किया जा चुका
सीबीआई ने इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए और आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोपित दो व्यक्तियों पर फोरेंसिक साइकोलिजिकल टेस्ट किया है.रविवार को सीबीआई ने धनबाद के सदर थाना क्षेत्र के रणधीर वर्मा चौक पर हिट एंड रन मामले में जज की मौत से जुड़ी ”सार्थक जानकारी” देने पर पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा की. सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि न्यायाधीश 28 जुलाई की तड़के रणधीर वर्मा चौक पर एक काफी चौड़ी सड़क के एक तरफ टहल रहे थे, तभी एक भारी ऑटो रिक्शा उनकी ओर आ गया, उन्हें पीछे से टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गए. स्थानीय लोग उसे पास के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सीबीआई के इंस्पेक्टर सत्य पाल यादव ने बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की अदालत के स्टोनो, अर्दली, बेंच क्लर्क एवं अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की. सीबीआई न्यायालय के कर्मचारियों से पूछताछ कर इस बात की जानकारी हासिल करना चाह रही थी कि मृतक जज उत्तम आनंद का विवाद हाल के दिनों में किसी अधिवक्ता या व्यक्ति से तो नहीं हुआ था. उनके न्यायालय में चल रहे किसी मामले में उन्हें किसी पर शक तो नहीं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लाई डिटेक्शन से भी सीबीआई को कोई खास सबूत नहीं मिल सका. इसलिए अब दोनों का नार्को और ब्रेन मैपिंग कराया जा रहा है.