
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए स्थापित विशेष प्रकोष्ठ 24 घंटे काम कर रहा है और मदद मांगने वाले से जानकारी प्राप्त करने एवं उन्हें आगे के कदम के बारे में सुझाव दे रहा है. विदेश मंत्रालय ने 16 अगस्त को ‘विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ’ की स्थापना की थी ताकि व्यवस्थित तरीके से अफानिस्तान से वापसी और अन्य अनुरोधों के संबंध में समन्वय स्थापित किया जा सके.
मामले से परिचित लोगों का कहना है कि इस प्रकोष्ठ में विदेश मंत्रालय के युवा अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. इसमें 20 से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है. उन्होंने बताया कि अधिकारी फोन कॉल सुन रहे हैं, ई-मेल और व्हाट्सएप संदेशों का जवाब दे रहे हैं और संपर्क करने वाले लोगों की वर्तमान स्थिति एवं कुशलक्षेम की जानकारी ले रहे हैं.
अफगानिस्तान में अभी भी मौजूद भारतीयों के आंकड़ों को किया जा रहा अपडेट
उन्होंने ये भी बताया कि इसके तहत अफगानिस्तान में अभी भी मौजूद भारतीयों के आंकड़ों को अपडेट किया जा रह है और मदद मांगने वाले से जानकारी प्राप्त करने एवं उन्हें आगे के कदम के बारे में सुझाव दिया जा रहा है. इस प्रकोष्ठ का गठन काबुल स्थित भारतीय दूतावास से कर्मचारियों के भारत लौटने से पहले किया गया था, ताकि अफगानिस्तान में फंसे बाकी बचे भारतीयों से संपर्क सुनिश्चित किया जा सके.
इसी महीने अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान के सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया. मंगलवार को भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी से सभी राजनयिकों और दूसरे कर्मचारियों को वापस निकालने का काम पूरा कर लिया. भारतीय राजदूत और कर्मचारियों समेत करीब 200 लोगों को दो सैन्य विमानों से बाहर निकालने का काम अमेरिका की मदद से पूरा किया गया. विदेश मंत्रालय का कहना है कि अब पूरा ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करने पर होगा.
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(रिपोर्ट- भाषा)