भोपाल । संभाग के कृषकों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग की सलाह कृषि विभाग द्वारा दी गई है। गेंहूँ फसल के लिए 100 किलो नत्रजन, 60 किलो स्फूर तथा 40 किलो पोटाश प्रति हैक्टेयर के मान से आवश्यकता होती है। स्फूर एवं पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा तथा नत्रजन की आधी मात्रा बोनी के पूर्व आधार खाद के रूप में खेत में डाली जाती है। नत्रजन की शेष मात्रा बोनी के 21 दिन बाद प्रथम सिंचाई तथा 45 दिन पर द्धितीय सिंचाई के बाद टॉपड्रेसिंग के रूप में दी जाती है।
गेंहूँ की प्रथम सिंचाई के बाद प्रति हैक्टेयर 1 बैग यूरिया की आवश्यकता होगी। गेंहूँ की द्धितीय सिंचाई के लिए प्रति हैक्टेयर 1 बैग यूरिया की आवश्यकता होगी। कृषकों को भू-राजस्व पुस्तिका के आधार पर प्रति हैक्टेयर के मान से चार बैग यूरिया उपलब्ध कराया जायेग। यूरिया का वितरण बिना पीओएस मशीन के नहीं किया जायेगा। जिले के बाहर के किसी भी कृषक को यूरिया उपलब्ध नहीं कराया जायेगा। केन्द्र पर उर्वरकों की प्रतिदिन की उपलब्धता नोटिस बोर्ड पर अंकित की जायेगी। विभिन्न उर्वरकों की विक्रय दरें नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी। कृषक को उपलब्ध करायें गए उर्वरक का भू-राजस्व पुस्तिका पर आवश्यक रूप से इन्द्राज किया जाएगा। प्रतिदिन उर्वरक विक्रय के तत्काल बाद शेष मात्रा का मैसेज उप संचालक कृषि जिला भोपाल को भेजा जाएगा
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